Saurav Singh
Ranchi/Chatra: चतरा जिला में मगध आम्रपाली कोल परियोजना के बाद चंद्रगुप्त कोल परियोजना से कोयला उत्पादन की तैयारी जोरों पर है. वर्तमान में चंद्रगुप्त कोल परियोजना से ओबी निकालने का काम शुरू हो गया है. आने वाले कुछ ही महीनों में कोयला उत्पादन का काम शुरू हो जाएगा. जानकारों की मानें, तो इस परियोजना से कोल उत्पादन और आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए हैदराबाद की आउटसोर्सिंग कंपनी सुशी माइनिंग इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड ने ठेका लिया है.
इसे भी पढ़ें –पिछले दिनों HC ने चाइल्ड कोर्ट को दिया है निर्देश, डबल मर्डर केस का ट्रायल 6 माह में खत्म करें
जमीन के नीचे लगभग 700 मिलियन टन उन्नत किस्म का कोयला है
सीसीएल इस परियोजना के विस्तार पर लगभग 18 हजार करोड़ रूपए की पूंजी निवेश करेगी. इस परियोजना में जमीन के नीचे लगभग 700 मिलियन टन उन्नत किस्म का कोयला है, जिससे देश के पावर प्लांटों की जरूरतों को सीसीएल पूरा करेगी. इतनी मात्रा में कोयला का उत्पादन करने में सीसीएल को लगभग 40 साल का समय लगेगा. हर साल 15 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है.
जमीनों की खरीद-बिक्री पर लगा दी गई है रोक
जानकारी के मुताबिक, 3331 एकड़ जमीनों को अधिग्रहण कर इन जमीनों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है. चंद्रगुप्त कोल माइंस के विस्तार के लिए हजारीबाग जिले के केरेडारी अंचल के चट्टीबारियातू में 204 एकड़, जोरदाग गांव के 545 एकड़, नौवाखाप 139 एकड़, पचड़ा 722 एकड़, सिझुआ 565 एकड़, बुकरू 997 एकड़ और चतरा जिले के टंडवा अंचल के उड़सू गांव के 158 एकड़ जमीनों का अधिग्रहण किया गया है. इसमें फॉरेस्ट लैंड समेत रैयती और जीएम जेजे लैंड शामिल है.
इसे भी पढ़ें –बहरागोड़ा: भारत पेट्रोलियम के टैंकर से पशुधन की तस्करी का भंडाफोड़, 23 मवेशी जब्त