Chhapra : छपरा में जहरीली शराबकांड ने लोगों को कोरोना काल की भयावहता की याद दिला गया. जिस तरह कोरोना काल के दौरान लोग एंबुलेंस की आस में इंतजार करते रहते थे और शहर में एंबुलेंस का सायरन नहीं थम रहा था. उसी तरह का नजारा बुधवार और गुरुवार को छपरा में दिखा. शहर में एंबुलेंस का सायरन पूरे दिन बजता रहा. वहीं पोस्टमार्टम हाउस के बाहर भी लाशों की कतारें लगी रही.
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24 शवों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है
बता दें कि छपरा में जहरीली शराब पीने से मंगलवार को लोग बीमार होना शुरू हुए. मंगलवार की शाम से लोगों का अस्पताल पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ, जो गुरुवार को भी नहीं थमा. इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर की मानें तो मंगलवार की रात 8:30 बजे इलाज के दौरान पहले मरीज की मौत हुई. इसके बाद यहां सदर अस्पताल में सात मरीजों की मौत हुई. वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सीएचसी एवं छपरा सदर अस्पताल लाने के क्रम में रास्ते में मरने वालों की संख्या 15 हो गई. सदर अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार खबर लिखे जाने तक 24 शवों का पोस्टमार्टम किया जा चुका था.
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गंभीर मरीजों को किया जाता रहा रेफर
जहरीली शराब के सेवन से बीमार लोगों का अस्पताल पहुंचने का सिलसिला गुरुवार को पूरे दिन जारी रहा. मरीजों को रेफर करने का भी सिलसिला नहीं थमा. दिनभर एंबुलेंस का आना और जाना लगा रहा. इलाज के लिए छपरा के विभिन्न इलाकों से बीमार मरीज सदर अस्पताल पहुंचते रहे. उनमें गंभीर रूप से बीमारों को पटना के पीएमसीएच रेफर किया गया. ऐसे में एंबुलेंस के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार जहरीली शराब कांड में अबतक 27 लोगों की मौत हो चुकी है. पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर शवों की कतारें लगी रही.