NewDelhi : चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी विवो की एक बार फिर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के टाइटल स्पॉन्सर के रूप में वापसी हो गयी है. इसकी वजह भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होने को बतायी गयी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पास स्थित फिंगर 4 एरिया से चीन ने अपनी सीना पीछे हटा ली है.
इसके साथ ही आईपीएल के 14वे संस्कारण में विवो टाइटल प्रायोजक के रूप में शामिल हो गया. यह जानकारी वीवो इंडिया के निदेशक (ब्रांड रणनीति) निपुन मार्या ने बुधवार को पीटीआई को दी. बता दें कि पिछले साल पूर्वी लद्दाख में हिंसात्मक झड़पों के बाद भारत-चीन सीमा पर तनाव को देखते हुए विवो का प्रायोजन रद्द कर दिया गया था.
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विवो का बीसीसीआई के साथ प्रायोजन करार 440 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष
जान लें कि विवो का भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ प्रायोजन करार 440 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष है. वीवो इंडिया के निदेशक निपुन मार्या के अनुसार विवो आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर के रूप में वापस आ गया है और यह हमारे लिए बहुत उत्साहजनक और रोमांचक है, क्योंकि आईपीएल भारत में सबसे बड़ी संपत्ति है. कहा कि आईपीएल खेल और मनोरंजन का एक आदर्श समागम है.
इसलिए हम नौ अप्रैल को आईपीएल के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. आईपीएल के 13वे संस्कारण का टाइटल प्रायोजक ड्रीम 11 था. ड्रीम 11 ने 222 करोड़ रुपये में आईपीएल 2020 लिए स्पॉन्सरशिप अधिकार खरीदे थे.
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ड्रीम 11 की पेशकश विवो की उम्मीदों के अनुरूप नहीं थी
बीसीसीआई सूत्रों ने पीटीआई को जानकारी दी कि ड्रीम 11 और अनएकेडमी ने इस साल के लिए जो पेशकश की थी वह विवो की उम्मीदों के अनुरूप नहीं थी. इसलिए उसने इस साल स्वयं प्रायोजक बनने और अगले साल संभावनाएं तलाशने का फैसला किया है. विवो पांच साल के करार के लिए एक वर्ष में जितनी धनराशि देगा यह उससे लगभग आधी थी. रिपोर्टों के अनुसार विवो ने 2018 से 2022 तक आईपीएल प्रायोजन अधिकार 2190 करोड़ रुपये में हासिल किये थे.
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