LagatarDesk : सरकार शेयर मार्केट में मार्च के अंत कर आईपीओ लाने की तैयारी में है. निवेशक भी काफी ब्रेसबी से इसका इंतजार कर रहे हैं. लेकिन आईपीओ से पहले ही इस बार संकट के बादल छाए नजर आ रहे हैं. दरअसल एलआईसी पर करीब 75 हजार करोड़ का टैक्स बकाया है. एलआईसी से बड़े टैक्स की वसूली पर तकरार जारी है. मालूम हो कि LIC ने आईपीओ के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर जमा किया था. जिससे पता चला कि कंपनी पर करीब 75 हजार करोड़ की टैक्स देनदारी है. यह देश की किसी भी एक कंपनी पर सबसे ज्यादा बकाया टैक्स है.
ड्राफ्ट पेपर में साफ कहा कि फंड का इस्तेमाल देनदारियां चुकाने में नहीं करेगी
ड्राफ्ट पेपर के अनुसार, LIC ने कहा है कि वह टैक्स की देनदारियां चुकाने के लिए अपने फंड का इस्तेमाल नहीं करेगी. कंपनी ने यह भी कहना है कि कई मामलों में कोर्ट की ओर से आये डिसीजन सही नहीं हैं. कंपनी इन सभी मामलों के खिलाफ आगे अपील करेगी. इन मामलों में भी 24,728.03 करोड़ शामिल हैं.
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अगर कंपनी केस हारी तो शेयरहोल्डर्स को मिलेंगे कम रिटर्न
अगर इन मामलों में LIC के खिलाफ फैसला होता है और कंपनी केस हार जाती है. उसे टैक्स के रूप में मोटा फंड चुकाना पड़ता है तो कंपनी के पब्लिक शेयरहोल्डर्स को मिलने वाले रिटर्न में भी गिरावट आ सकती है. इतना ही नहीं LIC का मार्केट शेयर भी नीचे आ सकता है. जो भविष्य में उसकी कमाई पर असर डालेगा.
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कंपनी ने छुपाई अपनी टोटल इनकम
टैक्स बकाया मामले में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि कंपनी ने अपनी टोटल इनकम छिपाई है. कई मामलों तो बहुत पुराने है. कंपनी ने 2005 के बाद अपनी इनकम का सही खुलासा नहीं किया. जिसकी वजह से विवाद पैदा हुए. इतना ही नहीं LIC पर डाइरेक्ट और इनडाइरेक्ट टैक्स के 63 बड़े मामले चल रहे हैं. इसमें डाइरेक्ट टैक्स के 37 मामले हैं. जिनसे 72,762.3 करोड़ की वसूली होनी है. दूसरी तरफ इनडाइरेक्ट टैक्स के 26 मामले चल रहे हैं. जिसमें 2,132.3 करोड़ वसूले जाने हैं. इस तरह कंपनी पर कुल 74,894.5 करोड़ का टैक्स बकाया है.