Ranchi : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अवैध खनन को लेकर ईडी ने करीब साढ़े 9 घंटे तक पूछताछ की. सूत्रों के मुताबिक सभी प्रमुख सवालों का जवाब हेमंत सोरेन ने छोड़ दिया और कहा कि उन्हें तथ्यों को इकट्ठा करने के लिए समय चाहिए. अपनी संपत्तियों, बैंक स्टेटमेंट और निवेश से जुड़े मामले पर सीएम ने कहा कि उन्हें जवाब देने के लिए समय चाहिए. संभवत: अगली बार जब ईडी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाएगा तो वह इसका जवाब देंगे. अभी तक उनसे पूछताछ का कोई नया कार्यक्रम तय नहीं हुआ है. ईडी ने उनसे ज्यादातर खनन विभाग से संबंधित सवाल पूछे, जिसमें यह भी शामिल था कि क्या उन्हें साहिबगंज जिले में बड़े पैमाने पर अवैध खनन की जानकारी थी.
पंकज मिश्रा को अवैध खनन में मैंने संरक्षण नहीं दिया : सीएम
सीएम हेमंत ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने अवैध खनन करने के लिए पंकज मिश्रा को अनुचित संरक्षण दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है कि पंकज मिश्रा ऐसी किसी गतिविधि में शामिल है. यह पूछे जाने पर कि उनका पासबुक और चेक बुक पंकज मिश्रा के आवास पर क्यों पाई गई, उन्होंने कहा कि चुनाव के समय उन्होंने वह दस्तावेज रखा था. ईडी ने पूछा कि क्या पंकज मिश्रा अपने प्रभाव के कारण न्यायिक हिरासत से फोन करते थे. उन्होंने इस मामले में किसी तरह का संरक्षण देने से इंकार किया.
उन्होंने इस बात से इंकार किया कि उन्होंने स्टोन चिप्स के अवैध परिवहन के लिए दाहू यादव को अवैध फेरी सेवा चलाने में संरक्षण दिया था. उन्होंने कहा कि अवैध खनन में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उन्होंने साहिबगंज डीसी और एसपी को कभी नहीं रोका.
मैं प्रेम प्रकाश को नहीं जानता : सीएम
हेमंत सोरेन ने इस बात से इनकार किया कि वह प्रेम प्रकाश को जानते हैं. उन्होंने कहा कि वह प्रेम प्रकाश से कभी नहीं मिले. जब उनसे पूछा गया कि उनके दो सुरक्षा गार्ड प्रेम प्रकाश की ड्यूटी करते पाए गए तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में झारखंड के डीजीपी से पूछा जाना चाहिए. ईडी ने पूछा कि जब वह राज्य के सीएम थे, तब उन्होंने रांची में अपने नाम खनन पट्टा कैसे प्राप्त किया. हेमंत सोरेन ने कहा कि चूंकि मामला उप-न्यायिक है, इसलिए वह जवाब नहीं देंगे. मैंने सचिव खनन विभाग को चलाने के लिए पूजा सिंघल को नियुक्त किया था न कि पैसे जुटाने के लिए ईडी ने उनसे मनरेगा घोटाला मामले में जेल में बंद तत्कालीन खनन सचिव पूजा सिंघल के आचरण के बारे में भी पूछा. हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्होंने पूजा सिंघल को सचिव के पद पर विभाग चलाने के लिए लगाया न कि पैसे जुटाने के लिए.
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