Dhanbad: कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (CFI) के प्रदेश अध्यक्ष और धनबाद कोचिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष ने मंगलवार को धनबाद के सांसद पशुपतिनाथ सिंह से मुलाकात कर कोचिंग संस्थान खुलवाने के लिए आग्रह पत्र सौंपा. इस दौरान एसोसिएशन ने धनबाद विधायक राज सिन्हा और निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता से भी मुलाकात की.
फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पिछले साल से कोविड के कारण शिक्षा के क्षेत्र में सर्वाधिक नुकसान हुआ है. इसमें छात्र से लेकर उनके माता-पिता और शिक्षक प्रभावित हुए हैं. अभी ऑनलाइन शिक्षा दिया जा रहा है, लेकिन यह केवल मेट्रो शहरों में प्रभावी है. केवल समाज के आर्थिक रूप से संपन्न वर्ग के लोगों के लिए यह शिक्षा है. स्कूलों/कोचिंग संस्थानों के बंद होने से न तो नए एडमिशन हो रहे हैं और ना ही पहले से पढ़ रहे छात्रों की ट्यूशन फीस मिल पा रही है.
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बिजली बिल का बोझ बढ़ा है
कहा कि दूसरी ओर संस्थानों को किराया और बिजली बिल देने का बोझ बढ़ गया है. कर्मचारियों को वेतन का भुगतान भी करना पड़ रहा है. स्थिति चिंताजनक है. देश में कई शिक्षकों ने आत्महत्या तक कर ली है. जबकि सरकार ने अभी तक शिक्षा क्षेत्र को कोई राहत या पैकेज सहायता नहीं दी है, जबकि सभी क्षेत्रों को राहत दी गई है. कहा कि देश के 7.25 लाख से अधिक पंजीकृत कोचिंग संस्थान हैं. इससे 50 लाख से अधिक कोचिंग शिक्षक और कर्मचारी जुड़े हैं. इसलिए सरकार से निवेदन है कि कोचिंग संस्थानों को उचित दिशा-निर्देशों और एसओपी के साथ खोलने की अनुमति दी जाय. इससे शिक्षकों की आजीविका पुनः पटरी पर आ सकेगी.
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20 हजार रुपये मासिक मिले
एसोसिएशन की मांग है कि स्थिति सामान्य होने तक प्रति परिवार 20 हजार रुपये मासिक सहायता मिले. शिक्षकों पर तत्काल प्रभाव से ईएमआई की मोहलत मिले. कोचिंग एवं प्राइवेट स्कूल शिक्षकों को 5 लाख रुपये तक की सीमा के लिए आसान बैंक ऋण प्रदान किया जाए. साथ ही कोचिंग परिसर के बिजली बिल को माफ किया जाए.
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