Ranchi : लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस ने अपने कोटे के तीन और लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा मंगलवार को कर दी है. पार्टी ने धनबाद से विधायक अनूप सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह, गोड्डा से महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह और चतरा से पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, तीसरी सूची में भी रांची सीट को होल्ड कर दिया है. कांग्रेस के घोषित तीनों प्रत्याशियों में सबसे चौंकाने वाला नाम गोड्डा से दीपिका पांडेय सिंह और धनबाद से अनुपमा सिंह का रहा. रही बात चतरा की, तो वहां से केएन त्रिपाठी रेस में काफी आगे थे. यूं कहें कि किसी अन्य बड़े नेता ने इस सीट के लिए दावेदारी नहीं की थी.
यौन शोषण का मामला प्रदीप के खिलाफ गया
गोड्डा से प्रदीप यादव का नाम तय माना जा रहा था. मगर ऐन वक्त पर उनका पत्ता साफ हो गया. प्रदीप यादव को लेकर पार्टी नेतृत्व को कोई संशय नहीं थी, मगर उनपर चल रहा यौन शोषण का मामला उनके टिकट की राह में रोड़ा बन गया. पार्टी नेतृत्व को विभिन्न माध्यमों से यह फीड बैक मिला था कि अगर प्रदीप यादव को उतारा गया, तो भाजपा इस मुद्दे को लेकर चुनाव के बीच में कोई बड़ा खेल कर सकती है, जिससे सारे किए कराए पर पानी फिर सकता था. इस कारण अंतत: महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह के नाम पर मुहर लगायी गयी.
सुबोधकांत के लिए भी उम्र बन सकती है रोड़ा
धनबाद में जब ददई दुबे और मन्नान मल्लिक का पत्ता उम्र के कारण कट गया, तो कांग्रेस उम्रदराज हो चुके सुबोधकांत सहाय को रांची से टिकट देकर पार्टी में कोई विवाद खड़ा करना नहीं चाहती है. कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें दिल्ली भी बुलाया था, पर कुछ तय नहीं हो पाया और वह रांची लौट गये. हालांकि कांग्रेस का एक खेमा सुबोधकांत को साइड लाइन करने के मूड में नहीं है. इसलिए, विकल्प के तौर सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय का नाम चल रहा है. दूसरी ओर रांची सीट से ओबीसी या कुर्मी कार्ड खेले जाने की बातें भी काफी चर्चा में है.
धनबाद में ददई व मन्नान के लिए उम्र बनी बाधा
धनबाद सीट को लेकर कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही थी. कांग्रेस नेतृत्व ने अंतिम समय तक कोयलांचल की गर्मी का एहसास किया. अंतत : पार्टी ने इस सीट से राजपूत कार्ड खेलने का ही मन बनाया और धनबाद से विधायक अनूप सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया. हालांकि सरयू राय को लेकर भी दिल्ली में उच्चस्तरीय मंथन चला, मगर कांग्रेस नेतृत्व संतुष्ट नहीं हो सका. रही बात ददई दुबे और मन्नान मल्लिक की, तो उम्र की बाधा इनके खिलाफ चली गयी.
भाजपा में जाने की चर्चा ने पूर्णिमा का पत्ता काटा
कांग्रेस ने शुरू में धनबाद सीट से झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह को चुनाव लड़ाने का मन बनाया था. मगर उनकी भाजपा में जाने की चर्चा ने इसपर पानी फेर दिया. जब पूर्णिमा को भाजपा ने अपने पाले में नहीं लिया, तो वे रेस हुईं, मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी. दूसरी ओर अनुपमा सिंह को लेकर पार्टी नेतृत्व को विश्वास में ले लिया गया था. हालांकि, इसको लेकर नेतृत्व ने पूर्णिमा नीरज सिंह को दिल्ली भी बुलाया, उनसे सलाह-मशविरा करके, उन्हें विश्वास में लेने का पूरा प्रयास किया गया.
कांग्रेस इससे पहले लोहरदगा, खूंटी और हजारीबाग में प्रत्याशी का ऐलान कर चुकी है. लोहरदगा में सुखदेव भगत, हजारीबाग में जेपी पटेल और खूंटी में कालीचरण मुंडा को टिकट दिया है.
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