New Delhi : कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों पर आधारित एक लेख का हवाला देते हुए दावा किया कि देश के अधिकतर लोग सरकार द्वारा निर्मित आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि महंगाई की तुलना में लोगों की आमदनी में बढ़ोतरी पिछले 40 वर्षों के सबसे निचले स्तर पर चली गई है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Some fresh and concerning analysis coming out of the RBI’s data:
In addition to household savings rates now at historic lows, income growth adjusted for inflation over the past four years is the slowest in the past 40 years!
Other key findings are
– Net household financial… pic.twitter.com/LsH43SKfDu
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 5, 2023
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घरेलू बचत दरें अब ऐतिहासिक निचले स्तर पर हैं
उन्होंने एक अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित लेख का उल्लेख करते हुए कहा, रिजर्व बैंक के आंकड़ों से सामने आ रहे कुछ ताज़ा और चिंताजनक विश्लेषण. घरेलू बचत दरें अब ऐतिहासिक निचले स्तर पर हैं. पिछले चार वर्षों में मुद्रास्फीति की तुलना में आय वृद्धि पिछले 40 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है. रमेश ने कहा, वित्त वर्ष 23 में शुद्ध घरेलू वित्तीय बचत पांचवें हिस्से तक कम हो गयी है. वित्त वर्ष 2023 में गैर -आवासीय कर्ज दोगुना हो गया है, जो संभवतः वित्त उपभोग के लिए लिया गया ऋण है.
मोदी सरकार 2022-23 के उपभोग व्यय सर्वेक्षण दबा रही है
यह डेटा बताता है कि मोदी सरकार 2022-23 के उपभोग व्यय सर्वेक्षण को क्यों दबा रही है. इससे स्पष्ट रूप से पता चलेगा कि अधिकतर भारतीय किस प्रकार गरीब होते जा रहे हैं. उन्होंने दावा किया, यह स्पष्ट है कि अधिकतर भारतीय परिवार मोदी निर्मित आर्थिक संकट के उच्चतम स्तर का सामना कर रहे हैं. बढ़ती मुद्रास्फीति, बढ़ता कर्ज, धीमी घरेलू खपत और गिरती बचत. आंकड़ों को दबाकर मोदी जी जवाबदेही से बच नहीं सकते.