Ranchi : 6800 सिपाही की नियुक्ति मामले में पुलिस मुख्यालय ने नियुक्त सिपाहियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है. इसको लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा जिले के एसपी, एसएसपी और सभी वाहिनी के कमांडेंट को पत्र लिखा गया है. पुलिस मुख्यालय के द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि झारखंड पुलिस के अंतर्गत आरक्षी नियुक्ति के लिए विज्ञापित 04/2015 से सुनील टुडू बनाम झारखंड राज्य और अन्य सदृश अन्य वाद झारखंड हाई कोर्ट में विचाराधीन है. इसकी अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित की गई है.
हाईकोर्ट के द्वारा पारित किए गए आदेश के आलोक में विज्ञापन संख्या 04/2015 के तहत नियुक्त सिपाहियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है. इसको लेकर पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि सभी सिपाहियों को संलग्न विहित प्रपत्र में नोटिस जारी करते हुए उसकी प्रति पुलिस मुख्यालय को 13 सितंबर तक उपलब्ध कराया जाये.
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क्या है मामला
बता दें कि झारखंड हाइकोर्ट ने बीते 23 अगस्त को सिपाही नियुक्ति नियमावली को चुनौती देनेवाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई की थी. चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के जवाब को देखते हुए कड़ी नाराजगी जतायी थी. खंडपीठ ने जानना चाहा कि उसके 16 जनवरी 2017 के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया. कहा कि आदेश का अनुपालन नहीं करना अवमानना का मामला बनता है.
नाराजगी जताते हुए खंडपीठ ने गृह सचिव को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाये. नोटिस का जवाब अगली सुनवाई के पूर्व देने का निर्देश दिया था. साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि सिपाही पद पर नियुक्त किये गये करीब 6800 सिपाहियों को व्यक्तिगत रूप से लिखित में सूचित किया जाये कि मामले के अंतिम आदेश से आपकी नियुक्ति प्रभावित होगी. इस आशय का अखबारों में भी नोटिस छपवाने का निर्देश दिया गया था. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 18 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की थी.
किसी भी प्रकार के भ्रम में नहीं पडना है: राकेश पांडेय
झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडे ने सिपाहियों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार के भ्रम में नहीं पडना है, आपके नियुक्ति के संबंध में निर्गत माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय को मेंस एसोसिएशन के अधिवक्ताओं से पढ़वाकर समझ रहा है, किसी भी प्रकार से आपका उत्पीड़न किसी के द्वारा नहीं किया जा सकता है.
और इस केस में किसी के द्वारा भी चंदा या कोई पैसा की वसूली नहीं करनी है. जो भी खर्च आएगा झारखंड पुलिस मेन्स एसोसिएशन करेगा और आपके से संबंधित सभी निर्णय आपके पक्ष में लाने का काम करेगा.
फोन पर या किसी और माध्यम से आप लगातार संपर्क कर रहे हैं. भिन्न-भिन्न समय में आदमी भिन्न-भिन्न तरह का बात कहता है जो उचित नही है. आपके द्वारा भी अलग-अलग तरीके का सवाल पूछा जा रहा है. नोटिस ले या ना ले इतनी बात हम सभी को समझना है, कि जिस दिन हमने वर्दी पहना और पुलिस फोर्स ज्वाइन किया उस दिन से हम अनुशासित संवर्ग के लोग हो गये. हमें अनुशासन में रहना है. जब तक पूरे वाक्य को हम समझ नहीं लेते कुछ भी कहना उचित नहीं होगा. पूरे शाखा पदाधिकारी से 2017 में नियुक्त सभी आरक्षीओं की सूची फोन नंबर संग्रहित कर मेंस एसोसिएशन केंद्रीय कार्यालय भेजने के लिए निर्देशित किया गया है .
5 दिनों के अंदर वह समर्पित होना है. आप जो भी 2017 के बहाल जवान विभिन्न जिला इकाई में है. वह अपने इकाई के शाखा पदाधिकारी से संपर्क कर अपना पूरा विवरण लिखवाने में अहम भूमिका निभाए और अगले सूचना का इंतजार करें . दसवें महीने में इस केस की अगली तारीख है. आप लोगों का सहयोग और आशीर्वाद रहा तो निश्चित रूप से आप के केस में झारखंड पुलिस मेन्स एसोसिएशन के तरफ से वकील खड़ा होगे और आपको हर सुविधा दिलाने का काम करेंगे.
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