NewDelhi : मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने तालिबान को साथ देने के लिए तैयार कथित सभ्य और लोकतांत्रिक देशों पर हल्ला बोला है. उन्होंने कहा कि दुनिया की हर लोकतांत्रिक सरकार को तालिबान को मान्यता देने से मना कर देना चाहिए. कहा कि अफगानिस्तान की महिलाओं के दमन के लिए तालिबान की निंदा की जानी चाहिए. जावेद ने ट्वीट करते हुए यह सब कहा है.
Every decent person ,every democratic government every civilised society in the world should refuse to recognise and condemn Talibans for their ruthless repression of Afgan women or let’s forget the words like justice , humanity and conscience.
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) September 10, 2021
The spokesperson of Taliban has told the world that women are not meant to be ministers but to stay at home and bear children but the so called civilised and democratic countries of the world are willing to shake Talibani hand . What a shame .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) September 10, 2021
जावेद अख्तर ने ट्वीट किया कि हर सभ्य व्यक्ति, हर लोकतांत्रिक सरकार, दुनिया के हर सभ्य समाज को तालिबानियों को मान्यता देने से इनकार करना चाहिए. अफगान महिलाओं के क्रूर दमन के लिए निंदा करनी चाहिए या फिर हमें न्याय, मानवता और विवेक जैसे शब्दों को भूल जाना चाहिए
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लोकतांत्रिक देश तालिबान से हाथ मिलाने को तैयार हैं, यह शर्म की बात है
बता दें कि जावेद अख्तर ने अपने एक अन्य ट्वीट में तालिबान के प्रवक्ता सैयद जकीरुल्लाह द्वारा महिलाओं के पर दिये गये बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने ट्वीट किया, तालिबान के प्रवक्ता ने दुनिया को जानकारी दी है कि महिलाएं मंत्री बनने के लिए नहीं बल्कि घर पर रहने और बच्चे पैदा करने के लिए होती हैं, लेकिन दुनिया के तथाकथित सभ्य और लोकतांत्रिक देश तालिबान से हाथ मिलाने को तैयार हैं. कितनी शर्म की बात है.
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महिलाओं का काम सिर्फ बच्चे पैदा करना है
जान लें कि कि तालिबान के प्रवक्ता सैयद जकीरुल्लाह हाशमी ने महिलाओं को लेकर शर्मनाक बयान दिया था. हाशमी से जब पूछा गया था कि तालिबान की सरकार में महिलाओं को जगह क्यों नहीं दी गयी.तो उनका जवाब था कि महिलाओं का काम सिर्फ बच्चे पैदा करना है, वो मंत्री नहीं बन सकती हैं. यह भी कहा था कि महिलाओं को मंत्री बनाना उनके गले में एक ऐसा फंदा डालना है जिसे वो संभाल नहीं सकतीं. साथ ही महिलाओं के विरोध प्रदर्शन को लेकर हाशमी ने कहा था कि ये कुछ महिलाएं हैं और वे अफगानिस्तान की सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं.