Ranchi : सितंबर से रसोईया संयोजिका संघ आंदोलन करेगा. इसके लिये प्रदेश कमेटी की रणनीति तैयार हो गयी है. इसके लिए झारखंड प्रदेश विद्यालय रसोईया संयोजिका अध्यक्ष संघ की बैठक गोस्सनर कॉलेज में संपन्न हुई. बैठक की जानकारी देते हुए अध्यक्ष अजीत प्रजापति ने बताया कि पंद्रह सूत्री मांगों के लिए अब आंदोलन होगा. प्रदेश की लगभग एक लाख 80 हजार से अधिक रसोईया संयोजिकाओं में आक्रोश है.
बैठक में 18 अगस्त से सितंबर तक कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय लिया गया. कार्यशाला सभी जिलों में होगी. वहीं मॉनसून सत्र के दौरान विरोध प्रदर्शन की भी रणनीति है. पिछले कुछ सालों से रसोईया संघ लगातार आंदोलन करता रहा है, लेकिन किसी भी सरकार ने इनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया. प्रजापति ने कहा कि पिछले साल भी आंदोलन की रणनीति बनी थी, लेकिन कोविड संक्रमण और जिला प्रशासन की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण इसे रोक दिया गया.
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पांच सौ अतिरिक्त भुगतान नहीं
वहीं कोषाध्यक्ष अनिता देवी ने कहा कि रसोईया बहनों को सरकार की ओर से न्यूनतम मानदेय दिया जाता है, वो भी साल के 10 महीने. पिछले साल राज्य सरकार ने पांच सौ अतिरिक्त भुगतान की बात कही, लेकिन एक साल होने को है. अबतक मानदेय में पांच सौ अतिरिक्त राशि जोड़कर रसोईया-संयोजिका को नहीं मिला है. वहीं इस साल की शुरुआत से संयोजिका का मानदेय भी बकाया है. ऐसे में सरकार को संघ की मांगों पर ध्यान देना चाहिए.
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मुख्यमंत्री समेत विभाग को लिखा पत्र
अनिता ने कहा कि इस मामले में कई बार मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया, मुलाकात भी हुई. वहीं विभागीय अधिकारियों से वार्ता की गयी, लेकिन बकाया भुगतान समेत अन्य मांगों पर सहमति नहीं बन पायी. प्रमुख मांगों में न्यूनतम 18000 मानदेय तय हो, अतिरिक्त पांच सौ रुपये का भुगतान करने समेत अन्य मांगें हैं.