Ranchi : झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक सीता सोरेन के बाद अब लोबिन हेम्ब्रोम ने भी अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. लोबिन राज्य में हो रही जमीन की लूट पर आवाज बुलंद कर रहे हैं. 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय और नियोजन नीति बनाने की मांग हो रही है. इसे लेकर मंगलवार को पुराने विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम में विधायक लोबिन हेम्ब्रोम ने बीआईटी और धुर्वा स्थित एचईसी में कथित तौर हो रहे जमीन लूट मामले पर खुलकर बोले. जेएमएम विधायक ने कहा कि ओरमांझी में आज बीआईटी मेसरा के नाम पर खेती योग्य जमीन की लूट हो रही है. जानकारी मिलने पर उन्होंने जमीन लूट की बात को विधानसभा पटल पर भी रखा. दूसरी तरफ रांची डीसी ने जमीन खुदाई में कोई परेशानी नहीं हो, इसलिए फोर्स और जेसीबी देने का काम किया. आज उस जमीन पर प्रवेश निषेध का बोर्ड लगा दिया गया है.
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जेएमएम विधायक ने जमीन की कथित लूट पर विरोध जताते हुए सीएनटी-एसपीटी एक्ट का हवाला दिया, तो मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि लूट मामले की विशेष कमिटी बनाकर जांच की जाएगी. उसके बाद से तो जमीन लूट के कई आवेदन आ रहे हैं. लोबिन हेम्ब्रोम ने कहा कि पता नहीं कि बड़ी संख्या में आ रहे आवेदनों के लिए कितना बड़ा बक्सा बनाना पड़ेगा.
एचईसी में जमीन अधिग्रहण की बात करते हुए लोबिन ने कहा कि आदिवासियों और गरीबों की कई एकड़ जमीन अधिग्रहित की गयी. लेकिन अधिग्रहित जमीन का कोई उपयोग नहीं होने के बाद भी उसे आज तक नहीं लौटाया गया. आज बाहर के लोग उस जमीन को बेच रहे हैं. सबकुछ खुली आंखों से दिख रहा है. लेकिन यहां के विधायक, जनप्रतिनिधि चुप बैठे हैं. लोबिन ने कहा, यह तो सरकार को देखना चाहिए था कि पांच साल तक जमीन स्वत़ः रैयतों को वापस हो जानी चाहिए. लेकिन इस पर आज तक कोई पहल नहीं हुई.