Ranchi: शहरी निकायों की गरीब महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए नगर विकास विभाग की ओर से DAY-NULM संचालित हो रहा है. लेकिन नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन के तहत SHG (सेल्फ हेल्प ग्रुप) के गठन और उनका बैंक से लिंक करने में झारखंड के अधिकतर नगर निकाय फिसड्डी साबित हुए हैं. 14 निकाय अबतक एक भी एसएचजी का बैंक से लिंक नहीं कर पाये हैं. तय लक्ष्य के विरूद्ध इनकी उपलब्धि 0 प्रतिशत है. इसमें नगरउंटारी, हुसैनाबाद, धनबाद, चास, कोडरमा, बचरा, गुमला, बड़की सरिया, मधुपुर, सरायकेला, धनवार, जामताड़ा, मिहिजाम और पाकुड़ नगर निकाय शामिल हैं. एसचजी का गठन करने और बैंक लिंकेज में सबसे पीछे धनबाद नगर निगम है. धनबाद को 896 एसएचजी के गठन का टारगेट दिया गया था, जिसमें से अबतक उसने सिर्फ 238 एसएचजी का ही गठन किया है. यानी डीएमसी की उपलब्धि सिर्फ 26.6% है. वहीं 203 एसएचजी को बैंक से लिंक करने का लक्ष्य धनबाद को मिला था. लेकिन उनसे एक भी एसएचजी का बैंक से अबतक लिंक नहीं किया है.
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SHG के बैंक लिंकेज का निकायों को मिला लक्ष्य और उपलब्धि
नगर निकाय | टारगेट | बैंकलिंकेज | प्रतिशत |
नगरउंटारी | 11 | 0 | 0% |
हुसैनाबाद | 5 | 0
|
0% |
धनबाद | 203 | 0 | 0% |
चास | 27 | 0 | 0% |
कोडरमा | 4 | 0 | 0% |
बचरा | 2 | 0 | 0% |
गुमला | 9 | 0 | 0% |
बड़की सरिया | 3 | 0 | 0% |
मधुपुर | 10 | 0 | 0% |
सरायकेला | 2 | 0 | 0% |
धनवार | 3 | 0 | 0% |
जामताड़ा | 5 | 0 | 0% |
मिहिजाम | 7 | 0 | 0% |
पाकुड़ | 8 | 0 | 0% |
4502 SHG गठन का टारगेट, अबतक बने सिर्फ 2323
DAY-NULM के तहत राज्य के 50 नगर निकायों को 4502 एसएचजी के गठन का टारगेट दिया गया था. लेकिन अबतक सिर्फ 2323 का ही गठन हो सका है. यानी कुल टारगेट के सिर्फ 51.6 फीसदी एसएचजी का ही गठन हो सका है. वहीं सभी 50 निकायों को 1020 एसएचजी का बैंक से लिंक करने का लक्ष्य दिया गया था. इसमें से अबतक सिर्फ 239 का ही बैंक से लिंक हो पाया है, जो तय लक्ष्य का सिर्फ 23.4 प्रतिशत है.
5 नगर निकायों ने 100% किया SHG गठित और बैंक लिंकेज
सिर्फ 5 नगर निकायों ने शत प्रतिशत एसएचजी का गठन और उनका बैंकों से लिंक किया है. इसमें छतरपुर, विश्रामपुर, मझिआंव, चाकुलिया और झुमरी तिलैया शामिल हैं. जबकि कोडरमा, बचरा, गुमला और धनवार ने 100% एसएचजी का गठन तो कर लिया. लेकिन बैंक से लिंक कराने में पीछे रह गये हैं. नगरीय प्रशासन निदेशालय की ओर से लगातार सभी निकायों को एसएचजी के गठन और उसका बैंकों से लिंक करने का निर्देश दिया जा रहा है. इसके बाद भी हालत नहीं सुधर रहे.
निकायों की लापरवाही से मिशन पर लग रहा ग्रहण
शहरी क्षेत्र की गरीब महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का यह सबसे कारगर मिशन है. इसके जरिये गरीब महिलाओं को रोजगार तो मिल ही रहा है. साथ-साथ उनकी हुनर को भी पहचान मिल रही है. नगरीय प्रशासन निदेशालय की पहल पर हाल ही में सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं के द्वारा तैयार किये गये सोन चिरैंया ब्रांड के गुजिया को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली. निदेशालय ने एसएचजी को और सशक्त बनाने की योजना बनाई है. लेकिन कुछ निकायों की लापरवाही से इस योजना पर ग्रहण लगता दिख रहा है.
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