Kiriburu : कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी सुशील बारला का सारंडा के ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है. गुरुवार को ग्रामीणों के साथ विशेष बैठक के बाद सारंडा के दुईया गांव निवासी सह अखिल झारखंड श्रमिक संघ के कोल्हान प्रभारी राजू सांडिल ने सुशील बारला पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें सारंडा के गांवों का विकास और रोजगार विरोधी बताया. उन्होंने कहा कि सुशील बारला जैसे लोग अपने स्वार्थ की खातिर बांटने का प्रयास कर रहे हैं. राजू सांडिल ने कहा कि सुशील बारला की स्वार्थ से जुड़ी नीति के कारण आज तक सारंडा व मनोहरपुर क्षेत्र में डेम्पो, वेदांता, टाटा स्टील जैसी कंपनियां स्टील प्लांट व उद्योग नहीं लगा पाई जिससे यहां के हजारों शिक्षित युवक आज भी बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. उसने बाहरी लोगों को बुलाकर डेम्पो कंपनी को जमीन नहीं देने का विरोध करवाया. जबकि वहां के ग्रामीण जमीन देने को तैयार थे. उक्त कंपनी के पदाधिकारियों को जूता का माला पहनाकर घुमाया, जिससे कंपनी भाग गई. इसके अलावे वेदांता का मनोहरपुर एवं टाटा स्टील कंपनी का संकुरा में विरोध करवाया. यह सब कार्य सुशील बारला अपने स्वार्थ की खातिर करवाता है क्योंकि पहले कंपनी से समझौता व डील का प्रयास किया जाता है और जब बात नहीं बनती है तो वह कुछ ग्रामीणों को गुमराह कर उस कंपनी का विरोध प्रारम्भ करवाने लगता है. सुशील बारला पहले कुछ ग्रामीणों को वनाधिकार का पट्टा दिलवाने के नाम पर जंगल कटवाया लेकिन आज तक उन्हें वनाधिकार का पट्टा नहीं दिलवाया. आज वह सारंडा के मानकी-मुंडाओं व ग्रामीणों पर संदेह खड़ा कर रहा है जो काफी निंदनीय है.