Ranchi : वाम दलों और सामाजिक संगठनों की बैठक मंगलवार को हुई. इसमें यूएपीए कानून रद्द करने और न्यायिक कैदियों पर चर्चा की गयी. साथ ही फादर स्टेन स्वामी के निधन पर आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया गया. भाकपा माले के भुवनेश्वर केवट ने बताया कि फादर स्टेन स्वामी के निधन के साथ ही यूएपीए कानून रद्द करने पर बल दिया जा रहा है. देशभर में फादर स्टेन और यूएपीए के खिलाफ आंदोलन जारी है. सौ से अधिक संगठन इस मांग पर अड़े हैं. ऐसे में कोविड दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए आंदोलन की रणनीति बनायी जा रही है.
केवट ने कहा कि राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के बीच आपसी समन्वय के साथ आंदोलन चलाया जायेगा. इसमें लगभग 18 संगठन इस आंदोलन के समर्थन में है. वहीं कुछ राजनीतिक दल भी है.
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आंदोलन की बनी रणनीति
बैठक में नौ अगस्त से आंदोलन तेज करने की रणनीति बनी है. इस दिन फादर स्टेन को श्रद्धांजलि देने के साथ ही आदिवासी दिवस मनाया जायेगा. इस दिन फादर के निधन की न्यायिक जांच के लिये प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा. और दोषियों के सजा दिलाने की मांग होगी. वहीं राज्य में पत्थलगड़ी के नाम पर बेकसूर लोगों को जेल से मुक्त करने की मांग की जायेगी. केवट ने कहा कि फादर स्टेन के साथ ही केंद्र सरकार पर यूएपीए जैसे कानून वापस लेने का दबाव बनाया जायेगा. आंदोलन की जिम्मेवारी सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला को दी गयी है.
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ये रहे मौजूद
झारखंड जनाधिकार महासभा की एलिना होरो, आदिवासी आधिकार मंच से प्रफुल्ल लिंडा, राजद के राजेश यादव, अजय सिंह, शशिकांत, नंदिता भट्टाचार्य, प्रकाश विप्लव, सुखनाथ लोहरा समेत अन्य लोग मौजूद रहे.