Ranchi: बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि पूरे राज्य के अंचल कार्यालय लूट और भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके हैं. कोई भी काम बिना घूस दिए नहीं हो रहा है. जमीन माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों का एक नापाक गठजोड़ बना हुआ है. अंचल कार्यालयों में दाखिल खारिज के लंबित मामले भ्रष्टाचार की कहानी बयां करने के लिए काफी है. एक तरफ सरकारी और गैर-मजरूआ जमीन अफसरों और माफियाओं की मिलीभगत से खुलेआम बिक्री हो रही है वहीं दूसरी तरफ वास्तविक दखलदारों और रैयतों को म्यूटेशन के लिए कार्यालयों का चक्कर कटवाया जा रहा है.
भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई की बात सिर्फ आईवॉश
दीपक प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि सरकार किसी कीमत पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी. जनता का काम लटकाने वाले अफसर और कर्मियों को निलंबित व बर्खास्त किया जाएगा. सरकार की सब पर नजर है. तो क्या इस भ्रष्टाचार की गंगोत्री पर सरकार की नजर नहीं है. क्या सिर्फ सरकार की नजर अब अनगड़ा वाले पत्थर लीज की माइंस पर ही जाकर अटक गई है. सरकार द्वारा कड़ी कार्रवाई की बात सिर्फ आईवॉश है. सब कुछ सरकार के संरक्षण में अंजाम दिया जा रहा है.
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जहां ब्लॉक और थानों में लगेगी बोली वहां पारदर्शी शासन की कल्पना बेमानी
रघुवर सरकार ने म्यूटेशन की धांधली रोकने के लिए रजिस्ट्री के बाद स्वत: म्यूटेशन का आदेश दिया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने सभी विभागों में लूट की खुली छूट दे रखी है. अब जिस प्रदेश में अंचल, ब्लॉक और थानों की बोली लगेगी वहां पारदर्शी शासन की कल्पना भी बेमानी है. जानबूझकर मामले को लटकाए रखने के पीछे के मकसद को बताने की जरूरत नहीं है. किसी अधिकारी पर सरकार का कोई लगाम नहीं है.
लूट और पैसा वसूली का नया तरीका इजाद हुआ है
उन्होंने कहा कि अब अंचल कार्यालय में लूट और पैसा वसूली का नया तरीका इजाद किया गया है. म्यूटेशन के मामले पेंडिंग रखने की जगह आवेदन को ही रद्द कर जमीन खरीदारों और रैयतों का दोहन किया जा रहा है. आम लोगों को म्यूटेशन कराने में पसीने छूट रहे हैं. केवल राजधानी रांची के 23 अंचलों में 2.77 लाख दाखिल आवेदन में 1.49 लाख आवेदन खारिज किए गए हैं. अभी करीब 10,000 आवेदन रांची में पेंडिंग हैं. जबकि पूरे राज्य में दाखिल खारिज के पेंडिंग आवेदनों की संख्या 68000 के करीब है.
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