New Delhi : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन का सोमवार को दौरा किया और क्षेत्र में भारत की समग्र सैन्य तैयारियों की समीक्षा की. श्री सिंह ने सियाचिन का दौरा ऐसे समय में किया, जब रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में भारतीय सेना की मौजूदगी को एक सप्ताह पहले 40 वर्ष हो गये. अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के साथ क्षेत्र में समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. राजनाथ सिंह ने सियाचिन में तैनात सैनिकों से भी बातचीत की.
“Siachen is India’s capital of valour and bravery”: Rajnath Singh
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— ANI Digital (@ani_digital) April 22, 2024
#WATCH | Defence Minister and Armed Forces Personnel deployed at Siachen in Ladakh chant ‘Bharat Mata Ki Jai’. pic.twitter.com/4aTJw1IMIs
— ANI (@ANI) April 22, 2024
#WATCH | Defence Minister Rajnath Singh interacts with the Armed Forces personnel deployed in Siachen, Ladakh.
Among the personnel is Captain Suman who is going to be deployed at Kumar Post of Siachen Glacier on 1st May. pic.twitter.com/MTZTHOmg3N
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सेना ने ऑपरेशन मेघदूत’ के तहत अप्रैल, 1984 में यहां पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया था
काराकोरम पर्वतीय शृंखला में लगभग 20,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्यीकृत क्षेत्र के रूप में जाना जाता है जहां सैनिकों को शीतदंश और तेज हवाओं से जूझना पड़ता है. भारतीय सेना ने ऑपरेशन मेघदूत’ के तहत अप्रैल, 1984 में सियाचिन ग्लेशियर पर अपना पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया था. भारतीय सेना ने पिछले कुछ वर्षों में सियाचिन में अपनी मौजूदगी मजबूत की है.
कैप्टन शिवा चौहान को सियाचिन में अग्रिम चौकी पर तैनात किया गया
पिछले साल जनवरी में सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स’ की कैप्टन शिवा चौहान को सियाचिन में एक अग्रिम चौकी पर तैनात किया गया. इस प्रमुख युद्धक्षेत्र में किसी महिला सैन्य अधिकारी की यह पहली अभियानगत तैनाती है. सेना के एक अधिकारी ने पिछले सप्ताह कहा था, सियाचिन ग्लेशियर पर भारतीय सेना का नियंत्रण न केवल अद्वितीय वीरता और दृढ़ संकल्प की कहानी है, बल्कि प्रौद्योगिकी संबंधी प्रगति एवं साजो-सामान संबंधी सुधारों की एक अविश्वसनीय यात्रा भी है, जिसने इसे सबसे दुर्जेय इलाकों में शामिल इलाके से अदम्य उत्साह और नवोन्मेष के प्रतीक में बदल दिया.
भारत माता की जय के जोरदार नारे लगे
सियाचिन रवाना होने से पूर्व उन्होंने एक्स पर पोस्ट साझा कर लिखा कि सियाचिन के लिए दिल्ली से रवाना हो रहा हूं. वहां तैनात हमारे साहसी सशस्त्र बल कर्मियों के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं. सियाचिन में जवानों के साथ मुलाकात के दौरान वहां भारत माता की जय के जोरदार नारे लगे. सियाचिन बेस कैंप में जवानों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर आप जिस तरह से देश की रक्षा करते हैं. उसके लिए मैं आप बधाई के पात्र हैं.
रक्षा मंत्री ने कहा, सियाचिन की भूमि कोई सामान्य भूमि नहीं है. यह एक प्रतीक है. यह देश की संप्रभुता और दृढ़ता का प्रतिनिधित्व करती है. कहा कि हमारी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली है और आर्थिक राजधानी मुंबई है. बेंगलुरु हमारी तकनीकी राजधानी है, लेकिन सियाचिन वीरता और साहस की राजधानी है.