LagatarDesk : दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार बड़ा फैसला ले सकती है. दरअसल दिल्ली की सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों, फूड डिलीवरी सर्विसेज और कैब एग्रीगेटर्स को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने की तैयारी में है. एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को यह जानकारी दी है. दिल्ली सरकार अभी इस पर विचार कर रही है. जैसे ही सरकार इसे लागू करेगी तो डीलर और पेट्रोल पंप वाले वैसी गाड़ियों को तेल नहीं देंगे जिनके पास पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (PUC) नहीं हो.
सरकार जल्द जारी करेगी गाइलाइंस
अधिकारी के अनुसार, पर्यावरण (सुरक्षा) कानून के तहत इसी सप्ताह दिशा-निर्देश जारी किये जा सकते हैं. यह काम चरणबद्ध तरीके से किया जायेगा. इसके लिए जल्द ही गाइडलाइंस जारी की जायेगी. सरकार का लक्ष्य है कि 2024 तक गाड़ियों की कुल बिक्री में 25 फीसदी हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक वाहनों की हो. जिससे दिल्ली में वायु प्रदूषण पर ब्रेक लगाया जा सके.
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दिल्ली के प्रदूषण में 40 फीसदी हिस्सेदारी गाड़ियों की
आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में 40 फीसदी हिस्सेदारी गाड़ियों के प्रदूषण की है. अधिकारी ने कहा कि गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. जोमैटो, स्विगी, ओला, उबर आदि को पूरी तरह से ईवी इस्तेमाल करने के लिए कहा जायेगा. पूरी दिल्ली में इस तरह की सेवा देने वाली गाड़ियां 30 फीसदी है.
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बैटरी स्वैपिंग की बड़ी तैयारी में सरकार
अधिकारी ने बताया कि परिवहन विभाग इलेक्ट्रिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के अलावा निजी क्षेत्र में बैटरी स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर चर्चा शुरू कर सकता है इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने दिल्ली में सीएनजी पंप स्टेशनों पर 50 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन बनाने की योजना तैयार की है.
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इन कंपनियों ने गाड़ियों को ईवी में बदलने का लक्ष्य तय किया
फ्लिपकार्ट और फेडएक्स जैसी कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी डिलिवरी गाड़ियों को ईवी में बदलने का लक्ष्य तय किया है. फ्लिपकार्ट ने 2030 और फेडएक्स ने 2040 तक अपनी सभी तेल वाली गाड़ियों को ईवी में बदलने की योजना बनायी है. डीएचएल ने कुल गाड़ियों में 60 फीसदी हिस्सेदारी ईवी में बदलने की प्लानिंग की है.
प्रदूषण के खिलाफ सरकार चला रही बड़ा अभियान
बता दें कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया है. यहां गाड़ियों का पीयूसी सर्टिफिकेट चेक किया जा रहा है. पेट्रोल पंप पर 500 टीमों को तैनात किया गया है. एमवी एक्ट, 1993 की धारा 190(2) के मुताबिक, अगर कोई गाड़ी मालिक बिना वैध पीयूसी के पकड़ा जाता है तो उसे 10,000 रुपये का जुर्माना लगेगा. छह माह की जेल भी हो सकती है या दोनों सजा हो सकती है.
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