NewDelhi : दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पिछले साल हुए उत्तर-पूर्व दिल्ली दंगे के एक मामले में जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय(JNU) की छात्राओं नताशा नरवाल, देवांगना कालिता और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को मंगलवार को जमानत दिये जाने की खबर है. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि प्रदर्शन करना आतंकवाद नहीं हैं.
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पासपोर्ट जमा करने, गवाहों को प्रभावित नहीं करने का आदेश
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने निचली अदालत द्वारा इन्हें जमानत नहीं देने के आदेश को खारिज करते हुए तीनों को नियमित जमानत प्रदान कर दी. साथ ही हाईकोर्ट ने पिंजड़ा तोड़ कार्यकर्ताओं नताशा नरवाल, देवांगना कालिता और जामिया के छात्र आसिफ तन्हा को अपने-अपने पासपोर्ट जमा करने, गवाहों को प्रभावित नहीं करने सहित सबूतों के साथ छेड़खानी नहीं करने का निर्देश भी जारी किया.
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हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गयी थी
बता दें कि इन सभी को पिछले साल फरवरी में दंगों से जुड़े एक मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था. 24 फरवरी 2020 को उत्तर-पूर्व दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा भड़क गयी थी, जिसने सांप्रदायिक दंगे का रूप ले लिया था. हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गयी थी. 200 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आयी थी.