Ranchi: झारखंड में कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम होता देख बीजेपी लगातार सरकार से धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग कर रही है. सांसद निशिकांत दुबे के बाद बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी बंद मंदिरों को खोलने की मांग सरकार से की है. बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि रांची के जगन्नाथपुर में सदियों से चली आ रही भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी है. हाईकोर्ट ने भी इसपर सरकार को निर्णय लेने को कहा है. सरकार को कोविड गाइडलाइन की शर्तों पर रथयात्रा के साथ देवघर का बाबा बैद्यनाथ मंदिर और रामगढ़ के छिन्नमस्तिका मंदिर को खोलने का आदेश देना चाहिए.
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आस्था के साथ रोजी-रोटी से भी जुड़े हैं धार्मिक स्थल
बीजेपी नेताओं का कहना है कि बैद्यनाथ, छिन्नमस्तिका और जगन्नाथ मंदिर लोगों की आस्था के साथ-साथ रोजी-रोटी से भी जुड़ी हुई है. इन मंदिरों के बंद रहने से हजारों लोग सीधे-सीधे प्रभावित हो रहे हैं. दुकानदारों के साथ मंदिर से जुड़े पुजारी और पंडाओं की भी आर्थिक हालत खराब होती जा रही है.
28 जून को निशिकांत दुबे ने भी लिखा था सीएम को पत्र
इससे पहले 28 जून को गोड्डा के बीजेपी सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बैद्यनाथ और बासुकीनाथ मंदिर खोलने की मांग की थी. उन्होंने लिखा था कि बैद्यनाथ और बासुकीनाथ मंदिर पर पांच करोड़ से ज्यादा लोगों की जीविका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई है. महामारी के कारण मंदिर बंद होने की वजह से फूल-पत्ती बेचने वाले, दूध बेचने वाले, होटल, रेस्टोरेंट व्यवसाय, रिक्शा चलाने वाले, डेली वर्कर्स, मंदिर के आसपास के दुकान वाले आदि सहित कई संगठित और गैर संगठित क्षेत्र से जुड़े लोग मंदिर बंद रहने से प्रभावित हुए हैं. इसके बाद दोनों मंदिरों को खोलने की सरकार ने अनुमति तो दे दी, लेकिन अभी भी मंदिरों में भक्तों का प्रवेश स्थगित है.
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तीसरी लहर की आशंकाओं के कारण फैसला लेने में सरकार को हो रही मुश्किल
कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं की वजह से राज्य सरकार ने धार्मिक स्थलों को श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोला है. अभी भी हर दिन राज्य में हर रोज करीब 50 मरीज मिल रहे हैं. सरकार एक बार फिर से बैठक कर धार्मिक स्थलों को खोलने के मामले पर विचार करेगी.