Ranchi : आयुध कारखानों के निजीकरण का राज्य में विरोध किया गया. विरोध-प्रदर्शन का आह्वान राष्ट्रस्तर पर किया गया. इसके समर्थन में राज्य की ट्रेड यूनियनों ने भी प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य आयोजन सीटू, एटक, इंटक, एक्टू, एचएमएम यूनियनों की ओर से किया गया. इस दौरान राज्य के चार सौ अधिक स्थानों में प्रदर्शन किया गया, जिसमें सरकारी संस्थानों से लेकर औद्योगिक और मानदेय कर्मी भी शामिल हुए. सीटू महासचिव प्रकाश विप्लव ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से नागरिक रक्षा उत्पाद बनाने वाली कारखानों का निजीकरण किया जा रहा है. इसके लिये केंद्र सरकार ने प्रतिरक्षा सेवा अध्यादेश लागू किया है, जिसका देशभर में विरोध किया जा रहा है.
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बीमा और कोयलाकर्मी भी प्रदर्शन में शामिल हुए
एआईयूटीयूसी के शुभेंदु सेन ने बताया कि राज्य में विरोध व्यापक रहा. औद्योगिक और सरकारी संस्थानों के कर्मी इसमें शामिल हुए. वहीं, कोयला, इस्पात, बैंक, बीमा, राज्य और केंद्र सरकार के दफ्तरों, आंगनबाड़ी केंद्रों और विभिन्न कल-कारखानों के कार्य स्थलों पर मजदूरों-कर्मचारियों ने विरोध जताया. इस दौरान कोविड के दिशा-निर्देशों का पालन किया गया. राजधानी रांची में मेन रोड स्थित बेफी कार्यालय में विरोध-प्रदर्शन आयोजित किया गया.
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रक्षा कर्मचारी कर रहे विरोध
सेन ने बताया कि सरकार की ओर से अध्यादेश लागू करने के बाद से विरोध जारी है. रक्षा कर्मचारी संघ लगातार इसका विरोध कर रहे हैं, जिसे देशभर में समर्थन दिया जा रहा है. 30 जून 2021 को लाया गया आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 के विरोध में एकजुट संघर्ष जारी रहेगा. केंद्र सरकार इस अध्यादेश के जरिये ऐसे कारखानों का निजीकरण करना चाहती है, जो निंदनीय है.