New delhi : दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन में दशकों तक एक ही बच्चा पैदा करने की इजाजत थी. जरूरत पड़ने पर यह नीति खत्म की गयी, लेकिन जन्मदर अब भी चीन की चिंता बढ़ा रही है.चीन में साल 2021 में जन्मदर में रिकॉर्ड स्तर पर कमी आई है. सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि यह दर इतनी कम हो गई है कि पिछले साल चीन को अपने यहां जोड़ों को तीन बच्चे तक पैदा करने की इजाजत दे दी. चीन में दशकों तक एक ही बच्चा पैदा करने की नीति लागू रही, जिसका उल्लंघन करने पर लोगों को तमाम पाबंदियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन साल 2016 में यह नीति खत्म कर दी गयी थी.2016 में यह फैसला लेने के पीछे चीन की तेजी से बूढ़ी होती आबादी थी. चीन इसका आर्थिक खामियाजा नहीं भुगतना चाहता था, लेकिन शहरी इलाकों में महंगी होती रोजमर्रा की जिंदगी के चलते भी लोग एक ही बच्चा पैदा करते थे. चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि साल 2021 में प्रति हजार लोगों पर जन्मदर 7.52 रही, जो 1949 के बाद से सबसे कम है.
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अर्थशास्त्री झीवी झांग कहते हैं
इन आंकड़ों के जारी होने के बाद अधिकारियों पर लोगों को और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने का दबाव और बढ़ गया है. डेटा के मुताबिक चीन की आबादी की प्राकृतिक वृद्धि दर 2021 में सिर्फ 0.034 फीसदी थी, जो 1960 के बाद से सबसे कम है. इस दर में प्रवासन शामिल नहीं है.पिनपॉइंट एसेट मैनेजमेंट के मुख्य अर्थशास्त्री झीवी झांग कहते हैं, “जनसांख्यिकी की चुनौती किसी से छिपी तो है नहीं. हां, आबादी जरूर अनुमानों के मुकाबले कहीं तेजी से बूढ़ी हो रही है. यह बताता है कि हो सकता है कि चीन की आबादी 2021 में अपने चरम पर पहुंच गई हो. इससे यह भी पता चलता है कि चीन की संभावित वृद्धि अपेक्षा से ज्यादा तेजी से धीमी हो सकती है.”