Arjun mandal
Dhanbad : कोविड-19 सेंटर में बदइंतजामी का बोलबाला है. वार्ड तथा अस्पताल परिसर में गंदगी है. कोविड सेंटर में भर्ती मरीजों ने लगातार को बताया कि एक ही कंबल, चादर अनेक मरीज उपयोग में लाते हैं. पानी की भी व्यवस्था नहीं है. खाना भी खराब है.
एक भी मरीज सीरियस नहीं : एडीएम
जिले के नोडल पदाधिकारी सह एडीएम ( लॉ एंड ऑर्डर ) डॉ कुमार ताराचंद ने लगातार से कहा कि कि कोविड सेंटर में व्याप्त कमी पर नज़र है. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से जो गाइडलाइन आए हैं, उसमें बहुत सारे मरीज एसिम्पटोमेटिक हैं. एसिम्पटोमेटिक का मतलब है कि ऐसे मरीज, जिनके लिए दवा से ज्यादा ऑब्जरवेशन की जरूरत है. डॉ कुमार ताराचंद ने कहा कि वे लगातार डॉक्टरों के संपर्क में हैं ताकि कोरोना मरीजों को फॉलो कर सकें. उन्हें मल्टीविटामिन और सप्लीमेंट दी जा रही है. आज की तारीख में एक भी मरीज सीरियस नहीं है. मेडिकल टीम सजग है. दिन में तीन बार मेडिकल स्टाफ वार्ड में विजिट करते हैं. उन्होंने कहा कि जिले से जितने भी मरीज आते हैं. उनको पीजी ब्लॉक में रखकर ट्रीटमेंट किया जाता है . लेकिन, बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन पर जो मरीज मिलते हैं, वह जिले के बाहर से होते हैं, उनकी जांच के बाद अगर वह मरीज तीन दिनों तक एसिम्पटोमेटिक पाए जाते हैं, तो उन्हें होम आइसोलेशन में भेज दिया जाता है. एडीएम ने कहा कि पिछले दिनों खाने में शिकायत मिली थी, उसको दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. इसे लेकर मरीजों से भी बात की जा रही है. उन्होंने बताया कि कोरोना मरीज के खाने पर प्रतिदिन 100 रुपए खर्च का प्रावधान है, जिसमें तीन वक्त का खाना शामिल है.
सफाई का काम नगर निगम के जिम्मे: डॉ मासूम आलम
इधर कोविड सेंटर के नोडल पदाधिकारी डॉ मासूम आलम ने बताया कि सफाई का काम नगर निगम के जिम्मे है. रोजाना कचरे का उठाव नहीं होने की वजह से अस्पताल परिसर में गंदगी है. नोडल पदाधिकारी ने कहा कि पानी की व्यवस्था के लिए आरओ मशीन को जल्द ही सुधार लिया जाएगा.
यह भी पढें : बिहार BJP अध्यक्ष ने जेडीयू को चेताया- ऐसा ना हो कि नीतीश की कुर्सी ही चली जाये