Dhanbad : केरल में फंसे दुमका के 32 मजदूरों और 5 बच्चों की घर वापसी करायी गयी है. यह वापसी झारखंड सरकार के पहल पर हुई है. सभी मजदूरों को केरल से अलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस से लाया गया है. जहां धनबाद रेलवे स्टेशन से मजदूरों को बस से दुमका भेजा गया है.
इसे भी पढ़ें – एक बेचैन राज्य का सुख-15, कुछ इनकी, कुछ उनकी
झारखंड में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं
मौके पर टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने बताया कि झारखंड में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं. जिसे सृजित कर सरकार राज्य के मजदूरों का पलायन रोकने का प्रयास कर रही है. झारखंड के मजदूरों को राज्य के भीतर ही काम दिया जाएगा. जिससे कि वह अन्य प्रदेशों में दलालों के चंगुल में नहीं फंसे और उनका शोषण नहीं किया जाये.
इसे भी पढ़ें – रेमडेसिविर मामला: बिना बताये चार्जशीट जमा करने पर कोर्ट नाराज, कहा- जांच की प्रगति की जानकारी देती रहे सीआइडी
32 प्रवासी मजदूर को सकुशल दुमका पहुंचाया गया
वहीं धनबाद के डीटीओ ओम प्रकाश यादव ने कहा कि जो भी प्रवासी मजदूर बाहर राज्यों में फंसे हुए थे. सरकार के निर्देश पर धनबाद परिवहन विभाग के द्वारा दुमका तक पहुंचाने का काम परिवहन विभाग की ओर से किया गया. एसडीओ सुरेंद्र कुमार ने कहा कि 32 प्रवासी मजदूर को सकुशल दुमका पहुंचाने का काम जिला प्रशासन की ओर से किया गया.
इसे भी पढ़ें –Disha ने अपने हाथों में लगाई Rahul के नाम की मेंहदी, सिंपल आउटफिट में काफी अच्छे लगे Dishul
मजदूरों ने घर वापसी के लिए गुहार लगायी है
बता दें कि केरल में फंसे मजदूरों घर वापसी के लिए झारखंड सरकार से गुहार लगाई थी. सरकार ने उपायुक्त को निर्देश दिया कि जल्द मजदूरों को वापस लाया जाये. इसके बाद वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हुई. और आज मजदूर वापस अपने राज्य पहुंच गये.
इसे भी पढ़ें –आरबीआई ने मास्टरकार्ड पर लगाई रोक, 22 जुलाई से बैंक जारी नहीं कर पायेंगे मास्टर डेबिट और क्रेडिट कार्ड
मजदूरों का आधार कार्ड तक रख लिया गया था
मजदूरों ने बताया कि उनलोगों को रोजगार दिलाने के नाम पर केरल ले गया था. जो उनके गांव के ही एक व्यक्ति ने किया था. व्यक्ति ने कहा कि मजदूरों को केरल में रोजगार दिया जाएगा. सभी मजदूरों से आधार कार्ड और एक-एक हजार रुपये नकद लिया गया है. जिसके बाद दलाल ने मजदूरों भेजा और कहा कि वह भी आ रहा है. जब मजदूर केरल पहुंचे तो वहां वह व्यक्ति मौजूद नहीं था. मजदूरों ने दलाल से संपर्क किया तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ मिला. इसके बाद मजदूरों ने वाहन चालक से अपने आधार कार्ड की मांग की तो चालक ने कहा कि एक हजार रुपये देने के बाद ही आधार कार्ड दिया जायेगा. मजदूरों ने कहा कि जो भी राशि खर्च के लिए लाए थे, वह खत्म हो गई है. मजदूर भूखे रहने को मजबूर थे. आधार कार्ड नहीं होने के कारण वे सभी दूसरे जगह पर काम भी नहीं कर पा रहे थे. बच्चे व मजदूर मिलाकर कुल 37 लोग वहां पर फंसे हुए हैं. मजदूरों ने घर वापसी का अनुरोध राज्य सरकार से किया था.
इसे भी पढ़ें –आरबीआई ने मास्टरकार्ड पर लगाई रोक, 22 जुलाई से बैंक जारी नहीं कर पायेंगे मास्टर डेबिट और क्रेडिट कार्ड