आईआईटी-आईएसएम में मालवीय मिशन शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम
Dhanbad : देश भर के विभिन्न तकनीकी शिक्षण संस्थानों के 18 संकाय सदस्य आईआईटी- आईएसएम धनबाद में एकत्रित होकर शिक्षण की बारीकियों को सीख रहे हैं. मौका है मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत आयोजित पांच दिवसीय पोषण भविष्य नेतृत्व कार्यक्रम का. उद्घाटन सत्र में सोमवार को आईआईटी-आईएसएम के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि शिक्षा या किसी अन्य क्षेत्र में नेतृत्व लोगों के बीच स्वीकृति के माध्यम से विकसित होता है. इसे थोपा नहीं जा सकता. स्वीकार्यता के लिए नेतृत्वकर्ता को संगठन और उसके लोगों या स्थान के मनोवैज्ञानिक और समाजशास्त्रीय पहलुओं से परिचित होना होगा. आवश्यकता के अनुसार खुद को ढालना होगा. इससे लोगों के बीच उनकी स्वीकार्यता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. लोगों के बीच स्वीकार्यता से अच्छी धारणा बनती है. गुणवत्ता अनुसंधान, प्रोजेक्ट आदि के आधार पर संस्थान की अच्छी धारणा उसे बेहतर रैंकिंग प्राप्त करने में मदद मिलती है. उन्होंने प्रतिनिधियों से प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान खनन स्थलों व मैथन बांध के दौरे का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की.
ओसीईपी के प्रधान अन्वेषक प्रो. सोमनाथ चट्टोपाध्याय ने अपने संबोधन में निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा का उदाहरण दिया. कहा कि प्रो. मिश्रा ने डीन रिसर्च एंड एक्सटर्नल एंगेजमेंट के रूप में आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी परिसर की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आईआईटी दिल्ली के एसोसिएट डीन, अनुसंधान एवं विकास (2020-2023) के रूप में भी नेतृत्व करते हुए काफी बदलाव लाये. इससे पूर्व पाठ्यक्रम समन्वयक प्रो. मो. इरफान ने स्वागत भाषण दिया. अंत में प्रो. मृणालिनी पांडे ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
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