एसएनएमएमसीएच में हुई कार्यशाला, मरीज व जांच के सभी रिकॉर्ड रखने का आग्रह
Dhanbad : जिले के निजी अस्पताल, नर्सिंग होम समेत पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी सेंटरों को मरीज और उनसे जुड़े जांच के रिकॉर्ड रखने होंगे. मरीज का नाम, आधार, बीमारी आदि का रिकॉर्ड छोटे-बड़े सभी क्लिनिकों को रखना होगा. सभी क्लिनिकल एस्टेब्लिसमेंट एक्ट का पालन करेंगे. उक्त बातें मुख्यालय से आए डॉ राहुल ने गुरुवार 21 सितंबर को एसएनएमएमसीएच के लेक्चरर हॉल में आयोजित कार्यशाला में कही.
कार्यशाला में क्लिनिकल एस्टेब्लिसमेंट एक्ट पर डॉक्टरों के साथ चर्चा की गई. डॉ राहुल ने कहा कि वर्ष 2013 से अब तक सभी अस्पतालों को हर साल लाइसेंस रिन्यूवल कराना पड़ता है. आने वाले दिनों में इन नियमों में बदलाव संभव है. वैसे अस्पताल जो परमानेंट रजिस्ट्रेशन के लिए खरे उतरेंगे, उन्हें पांच-पांच साल पर लाइसेंस रिन्यूवल कराने की सुविध मिलेगी. उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों को गुणवत्ता बरकरार रखनी होगी. डॉक्टरों को बताया गया कि एक्ट के तहत सभी निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी केंद्रों को अपने संस्थान के बाहर डॉक्टर का नाम, उनका पद, जिनका इलाज किया जा सकता है, उन बीमारियों का नाम और उन पर होनेवाले खर्च का ब्योरा लिखना है.
प्राइवेट डॉक्टरों ने किए कई सवाल
जिले के कई प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर भी मौजूद थे. उन्होंने कई सवाल किए. आईएमए के अध्यक्ष डॉ मेजर चंदन ने कहा कि अस्पताल के संचालन के लिए लाइसेंस रिन्युवल कराना होता है, जिसके लिए कई विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. विभागों के चक्कर लगाने के बाद भी करीब एक माह का समय रिन्यूवल कराने में लग जाता है. इससे परेशानी बढती है. ऐसा नहीं होना चाहिए. डॉ राकेश इंदर सिंह ने कहा कि 5 बेड का अस्पताल हो या 200 का, सभी के लिए एक ही नियम है. यह विसंगति को दर्शाता है. छोटे क्लिनिकों को किसी भी तरह की रियायत नहीं मिलती है. नियम में बदलाव लाने की आवश्यकता है.
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