Anil/Ranjeet
Dhanbad : रात के दस बजे होंगे. प्रेमी आया, तो प्रेमिका ने गोली मार दी-धांय-धांय. धनबाद की यह कहानी, जो भी सुनता है, दांतों तले अंगुली दबा लेता है. ‘उसी प्रेमी’ का आज ग्यारहवां था. तमाम संबंधी जुटे थे और उस प्रेमी की तीनों नाबालिग बेटियाँ सुबक रही थीं. वे समझ नहीं पा रही थी कि पापा ने क्या किया? वह यह जरूर समझ रही हैं कि मम्मी गलत थी. यह दामोदर पुर का सोमनगर था. स्व मुकेश पंडित का घर.
दोनों ने गलत किया : एतवारी पंडित
मुकेश पंडित के पिता एतवारी पंडित ने उनसे मिलने पहुंचें लगातार की टीम से कहा-दोनों {नीलम और उज्ज़्वल} ने गलत किया. लेकिन, अब क्या होगा? इतना ही चाहता हूं कि दोनों को सजा मिले. इतना कहते ही एतवारी पंडित फफक-फफक कर रो देते हैं. उन्हें मुकेश की तीनों बेटियों की चिंता है. कहते हैं- मेरे सामने चुनौती है. इन तीनों को लायक बनाना है. मुकेश के पड़ोसी उसे ‘भला लड़का’, मिलनसार के रूप में याद करते हैं. कहते हैं- समझ नहीं आता कि वह कैसे बहक गया और जान गवां दी.
और मर्डर हो गया
हीरापुर में व्यवसाय करने वाला, छोटी-सी दुकान चलाने वाला मुकेश पंडित. वह परिवार की खुशहाली के लिए छोटे-छोटे कई व्यवसाय करता था. घर में सुंदर-सी बीवी थी. नाम नीलम. तीन बेटियाँ- नौ साल की तनु, सात साल की अनन्या और पांच साल की परी. सब ठीक चल रहा था. पति- पत्नी में कभी -कभी कहासुनी जरूर होती थी. और इसी 25 मार्च को मुकेश पंडित का मर्डर हो गया.
एक दूजे के हो जाएंगे
अब जरा पीछे चलिए. परिवार की खुशहाली के लिए मुकेश पंडित दूसरे व्यवसाय के साथ घर में मोमबत्ती बनवाने लगा. दो-चार लोग रखे. इसी में एक था पड़ोसी उज्ज़्वल शर्मा. आकर्षक युवा. मुकेश अक्सर घर से बाहर ही रहता. मुकेश की पत्नी नीलम और उज्ज़्वल की आंखें चार हो गई. गहरा ‘जिस्मानी प्रेम’ हो गया. मुकेश ने मोमबत्ती का काम बंद कर दिया, तो उसका कर्मचारी और पड़ोसी उज्ज़्वल शर्मा मुंबई चला गया. लेकिन, उसका और नीलम का प्रेम कायम रहा. दोनों घंटों फोन पर बात करते. फिर दोनों ने एक दूसरे का होने का प्लान बनाया.
‘नेहा’ ने गोली मार दी
नीलम ने उज्ज़्वल से कहा कि मुकेश को खत्म कर हम दोनों छह माह बाद विवाह कर लेंगे. दोनों की सहमति से उज्ज़्वल ने नेहा के नाम से फेसबुक पर आई डी बनाई. मुकेश को दोस्त बनाया और मैसेंजर पर घंटों बात करने लगे. अब मुकेश भी नेहा का हो चुका था, जिसे उसने देखा भी नहीं था. एक दिन उसे नेहा का मैसेज आया- संबंधी के पास धनबाद आई हूं. रात दस बजे ‘उस’ मैदान में मिलो. मुकेश ने कुछ नहीं सोचा और नेहा से मिलने चला गया. वहां पहुंचते ही नेहा ऊर्फ उज्ज़्वल ने दो गोली मारकर उसका काम तमाम कर दिया. एक गोली पेट और एक गले में .
पाप का घड़ा फूटता ही है
लेकिन, पाप का घड़ा फूटता ही है. उज्ज़्वल पकड़ा गया. नीलम पकड़ी गई. दोनों जेल में हैं. मुकेश दुनिया से चला गया और मुकेश की तीनों बेटियाँ पापा को याद कर सुबक रही हैं. नीलम का मायका गिरिडीह के राजधनवार में है. नीलम की करतूत से वे शर्मिंदा हैं . वे नीलम की मदद करने को राजी नहीं हैं. अब जो भी हो, एक परिवार तो बरबाद हो ही गया.
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