Ranjit Kumar Singh
Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) सरकार अपनी है, मगर पार्टी अपने कार्यालय का ताला भी नहीं खुलवा पा रही. कांग्रेसजन 12 वर्षों से जिला कांग्रेस कार्यालय में लटके ताले को खुलवाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. मगर ताला है कि खुलता ही नहीं. पता नहीं चाभी खो गई या किसी अजनबी के हाथ लग गई. दोनों ही हालत में सरकार तो सक्षम है. सभी जानते हैं कि कांग्रेस राजनीतिक रूप से दुर्दिन झेल रही है. केंद्र की सत्ता खोने के बाद से कांग्रेस नेता पद और पावर के लिए तरस कर रह गए हैं. आये दिन उनकी झुंझलाहट और खीझ देखने को भी मिलती है. जब नेताओं की ही यह हालत है तो फिर कार्यकर्ताओं को कौन पूछे. उनके लिए तो एक कार्यालय ही था, जहां वे अपना सुख-दुख व संघर्ष का राग छेड़ कर कुछ देर के लिए सुकून पा लेते थे. मगर 12 वर्ष से वह कार्यालय तालाबंदी का श्राप झेल रहा है. अब तो कार्यकर्ता अपनी पार्टी के नेताओं से कहते सुने जाते हैं कि ‘कुछ नहीं दे सकते तो कार्यालय का ताला ही खुलवा दो सरकार !’
सरकार अपनी, कार्यालय अपना, फिर भी अधूरा सपना
भारत जोड़ो यात्रा परवान चढ़ रही है, तो कार्यकर्ताओं की जुबान भी खुल रही है. हर कांग्रेसी की जुबान पर अपने कार्यालय को लेकर कुछ न कुछ निकल ही जाता है. हाई कोर्ट के आदेश पर 2011 से बंद लुबी सर्कुलर रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय को खुलवाने के लिए धनबाद जिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं व नेताओं ने काफी आंदोलन भी किया है. बावजूद नतीजा ढाक के तीन पात होकर रह गया. जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ता व नेताओं में नाराजगी भी है. वे अक्सर कहते सुने जाते हैं-किस बात की सरकार, जब अपना ही काम न हो पा रहा हो. धनबाद जिला कांग्रेस के नये अध्यक्ष संतोष सिंह इस सवाल पर कहते हैं कि लुबी सर्कुलर रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय को खुलवाने के लिए हर संभव लड़ाई लड़ेंगे .पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे. कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रवीन्द्र वर्मा ने कहा कि पार्टी कार्यालय कार्यकर्ताओ के लिए मंदिर के समान था, जो 2011 से बंद है. उन्होंने कहा कि कार्यालय को खुलवाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगे .
जहां रहती थी हर पल चहल-पहल, वहां पसरा सन्नाटा
कोयलांचल मुख्यालय धनबाद के हृदयस्थल लुबी सर्कुलर रोड में जिला कांग्रेस कार्यालय दशकों से कार्यरत था. भव्य भवन और खुले मैदान में कांग्रेसियों का जमघट लगा रहता था. दीवार से सटे इंटक कार्यालय रहने के कारण पूरे कायलांचल से छोटे-बड़े नेताओं का आना-जाना लगा रहता था. लेकिन पता नहीं किसकी नजर लगी कि कांग्रेस कार्यालय में जिला प्रशासन को 2011 में ताला लगा देना पड़ा. हालांकि इसके पीछे लंबी कहानी है. जिला कांग्रेस और इंटक कार्यालय से सटा यूनियन क्लब जिला परिषद के भवन व भूखंड पर अवस्थित है. न किसी ने लीज पर लिया तो किसी ने किराए पर. 10-11 वर्ष पूर्व परिषद ने तीनों को खाली करने का नोटिस दे दिया और बाद में ताला जड़ दिया. यूनियन क्लब ने तो येन केन प्रकारेण ताला खुलवाने में कामयाबी प्राप्त कर ली, लेकिन कांग्रेस और इंटक कार्यालय में अब भी ताला लटका है. जहां चौबीस घंटे चहल-पहल रहती थी, वहां घुप्प अंधेरे में पसरा है सन्नाटा.
भाजपा का भव्य भवन, कांग्रेस का कमरा भी बंद
आश्चर्य यह भी है कि आज हेमंत सरकार में कांग्रेस मजबूत स्थिति में है. प्रदेश कमेटी का गठन किया जा चुका है. जिले में समिति के गठन की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन एक साथ बैठने की जगह नहीं. दूसरी ओर कभी किराए के मकान में काम करने वाली भजपा का भव्य जिला कार्यालय बलियापुर रोड में बन कर कार्यरत है. यहां कार्यकर्ताओं के लिए ठहरने की भी उत्तम व्यवस्था है.
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