Nirsa :चिरकुंडा नगर परिषद में चार वर्षों में सिर्फ 14 नक्शा ही पास हुआ है, जो विभाग के पदाधिकारी की उदासीनता को दर्शाता है. नगर विकास व आवास विभाग द्वारा 2015-16 में नियम लागू किए जाने के बाद से ही चिरकुंडा नगर परिषद में नक्शा बनना प्रारंभ हो गया. हालांकि पहला नक्शा ऑन लाइन पोर्टल से 2017 में पास हुआ. अभी तक सिर्फ 14 नक्शा ही ऑन लाइन पास हुआ है, जिनमें 06 कॉमर्शियल व 08 आवासीय हैं. स्पष्ट है कि इस कार्य से जुडे पदाधिकारी ने सही ढंग से काम नहीं किया ना ही नागरिकों के बीच जागरुकता ला सके. चिरकुंडा नगर परिषद क्षेत्र मे 9500 आवासीय, कॉमर्शियल व खाली जमीन का होल्डिंग टैक्स काटा जाता है.
नागरिक खुद नक्शा बनवाएं
नक्शा पास कराने के सवाल पर इस क्षेत्र के कुछ नागरिकों का कहना है कि नप के अधिकारियों द्वारा कहा जाता था कि आप लोग अपने से नक्शा बनवा लें. उसके बाद नक्शा पास करा देंगे. इस कारण भी लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी. आज भी नक्शा बनाने वाला इंजीनियर यहां नहीं है. झारखंड सरकार का लेबर सेस 16 प्रतिशत हो जाने के कारण भी लोगों को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पडा. पहले 08 प्रतिशत ही लेबर सेस था.
नक्शा नहीं तो होगी कार्रवाई : कार्यपालक पदाधिकारी
विभाग के पदाधिकारी का कहना है कि नगर विकास व आवास विभाग द्वारा 2019 में दी गई नई गाइड लाइन के अनुसार पहले से जो मकान बने हुए हैं, उसे अधिकृत करने के लिए अभियान के तहत कार्य कराने का निर्देश दिया गया है. अगर कोई मकान मालिक बिना नगर परिषद के आदेश के बाद भी पुराने मकान व नए मकान का नक्शा नहीं बनाएंगे तो उनपर विभागीय कानूनी कार्रवाई की जाएगी. दूसरी तरफ विभाग के कार्यपालक पदाधिकारी अरुण कुमार भारती ने कहा कि जो भी नक्शा पास नहीं कराते हैं, उन पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग से जल्द ही नक्शा बनाने वाले इंजिनियर की मांग की जाएगी, ताकि इस क्षेत्र के लोगों को परेशानी न हो.
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