Mumbai : एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल 2021 में गोल्ड ETF को 4,814 करोड़ रुपए का निवेश मिला है. हालांकि यह 2020 के 6,657 करोड़ रुपए के मुकाबले कम है. बढ़ती महंगाई और कोरोना महामारी में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (गोल्ड ETF) लोगों को लुभा रहा है. क्वांटम म्यूचुअल फंड के एमडी एवं सीईओ जिमी पटेल का कहना है कि वैश्विक सुधार और बेहतर निवेशक धारणा से महामारी के साल की तुलना में 2021 में गोल्ड ईटीएफ के प्रवाह में गिरावट आयी है. हालांकि, उच्च महंगाई दर और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के रुख की वजह से 2022 में भी गोल्ड ईटीएफ में आकर्षण बना रहेगा.
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गोल्ड ETF ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड है
गोल्ड ETF ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने के गिरते-चढ़ते भावों पर आधारित होता है. ETF बहुत अधिक कॉस्ट इफेक्टिव होता है. एक गोल्ड ETF यूनिट का मतलब है कि 1 ग्राम सोना. वह भी पूरी तरह से प्योर. यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है. गोल्ड ETF की खरीद-बिक्री शेयर की ही तरह BSE और NSE पर की जा सकती है. हालांकि इसमें आपको सोना नहीं मिलता. आप जब इससे निकलना चाहें तब आपको उस समय के सोने के भाव के बराबर पैसा मिल जायेगा.
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कैसे कर सकते हैं गोल्ड ETF निवेश?
गोल्ड ETF खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है. इसमें NSE पर उपलब्ध गोल्ड ETF के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी. आपके डीमैट अकाउंट में ऑर्डर लगाने के दो दिन बाद गोल्ड ETF आपके अकाउंट में डिपॉजिट हो जाते हैं. ट्रेडिंग खाते के जरिए ही गोल्ड ETF को बेचा जाता है.