Jharia: झरिया (Jharia) झरिया शहर के मुख्य मार्ग समेत कई चौक चौराहों पर सुबह शाम सड़क किनारे जगह-जगह ठेलों में धड़ल्ले से घरेलू सिलेंडर का उपयोग हो रहा है. संबंधित विभाग मूक दर्शक बना बैठा है. दुकानदारों को गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने वाली कंपनियों की जांच-पड़ताल करने वाली एजेंसियां भी हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं. जाहिर है, कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग व्यवसायिक रूप में अधिक होने लगा है. व्यावसायिक उपयोग के लिए कॉमर्शियल सिलेंडर होते हैं, जबकि उनका उपयोग न के बराबर होता है. 90 फीसदी जगहों पर घरेलू गैस का उपयोग व्यवसायिक काम में होता है. चाय दुकानों, होटलों, रेस्टोरेंट, लॉज, हाथ ठेलों पर लगीं डोसा चाऊमीन, पास्ता, मोमो व टिकिया चाट की दुकानों पर घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तेमाल देखा जा सकता है.
झरिया के कतरास मोड़, लक्ष्मनिया मोड़, बाटा मोड़, देशबंधु सिनेमा समीप, चार नंबर स्थित चौपाटी, धर्मशाला रोड, चिल्ड्रेन पार्क मोड़, ऊपरकुल्ही समेत तमाम जगहों पर खुलेआम फास्टफूड से संबंधित व्यसाय करने वाले लोग नियम कानून को ताक पर रखकर घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तेमाल कर रहे हैं.
आसानी से मिल जाते हैं अवैध गैस सिलेंडर
सरकार ने लोगों को सस्ते दाम पर एलपीजी उपलब्ध कराने के लिए घरेलू सिलिंडर की कीमतों में छूट दे रखी है. जबकि तुलना में व्यावसायिक सिलिंडर महंगा है. अगर सब्सिडी को छोड़ दें तो घरेलू सिलिंडर की कीमत लगभग 1,110 रुपये व व्यावसायिक सिलिंडर की कीमत लगभग 2,142 रुपये है. ऐसे में दुकानदार पैसे बचाने के लिए घरेलू सिलिंडर का उपयोग करते हैं. यही कारण है कि झरिया के कई क्षेत्रों में अवैध गैस रिफिलिंग का धंधा चोरी छिपे चल रहा है. न बुकिंग की झंझट और न ही लंबी कतार में लगने की जरूरत. पुलिस व अधिकारियों से बचने के लिए धंधेबाज अपने ग्राहकों को डोर टू डोर की सुविधाएं भी उपलब्ध कराते हैं. पुलिस अनदेखी करती है. खाद्य व आपूर्ति विभाग के अफसर भी ऐसे तत्वों पर कार्रवाई करते नहीं दिखते. पूरे मामले पर झरिया अंचल अधिकारी प्रमेश कुशवाहा ने कहा कि ऐसे लोगो पर जल्द ही अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी.
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