NewDelhi : अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारतीय जवानों और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प को लेकर राज्यसभा में विपक्ष ने हंगामा किया. आज बुधवार को संसद में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस मुद्दे पर अपनी बात कहना चाहते थे, लेकिन पीठासीन अधिकारी हरिवंश ने ना कर दी. बता दें कि संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं मिलने पर विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने वॉकआउट किया. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शून्यकाल में चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की. उन्होंने कहा, हमने कल भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था. जो चीनी अतिक्रमण हुआ है, उसके बारे में हम विस्तृत चर्चा चाहते हैं. हमारी कोशिश रही है कि सदन को पूरी जानकारी मिले.
17 Opposition parties stage walkout from Rajya Sabha over India-China border clash
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Oppn leaders meet in Congress President Kharge’s chambers, ahead of day’s Parliament Session
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देश के लोगों को वास्तविक स्थिति की जानकारी मिले
देश के लोगों को भी जानकारी मिले कि वहां की वास्तविक स्थिति क्या है. उन्होंने कहा कि सदन को बहुत सी चीजें जाननी हैं, जो रक्षा मंत्री ने नहीं बताया. खड़गे ने कहा, हमारे पास जो सूचनाएं हैं…जो जगह पहले खाली थी अब वहां पर पुल बन गये हैं…मकान बन गये हैं. इसी दौरान उप सभापति हरिवंश ने श्री खड़गे को टोकते हुए कहा कि आज इस बारे में कोई नोटिस नहीं है, इसलिए इस विषय पर चर्चा नहीं की जा सकती है तथा रक्षा मंत्री भी इस पर बयान दे चुके हैं. इस पर, खड़गे ने कहा, हम देश के साथ हैं, हम सेना के साथ हैं.
उप सभापति ने शून्यकाल शुरू करा दिया
खडगे अभी बोल ही रहे थे कि उप सभापति ने शून्यकाल शुरू कराया और भाजपा के बृजलाल को अपना मुद्दा उठाने को कहा. इसी बीच, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. उप सभापति ने एक बार फिर हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि मंगलवार को विपक्ष के नेता को चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर अपने नोटिस को पूरा पढ़ने का मौका दिया गया. इस बीच, खरगे कुछ बोलना चाहते थे, लेकिन आसन ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी. इसके कुछ देर बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने विरोध जताते हुए सदन से बहिर्गमन किया.
लोकसभा में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने चर्चा की मांग की
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग की. उन्होंने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सदन में चर्चा होनी चाहिए. चौधरी ने कहा, 1962 में युद्ध के समय संसद में चर्चा हुई थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी ने 165 सांसदों को बोलने का मौका दिया था. हम चाहते हैं कि (तवांग में झड़प पर) यहां चर्चा हो.
इस विषय पर कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में फैसला होगा
इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस विषय पर कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में फैसला होगा. जैसे ही अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को आगे चलाने को कहा, कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार पर यह आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया कि वह भारत-चीन सीमा मुद्दे पर चर्चा नहीं होने दे रही है.
इस मामले में भाजपा सांसद परवेश वर्मा ने कहा कि संसद में आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी रणनीति पर बात नहीं होती. अगर विपक्ष को तवांग मसले पर कोई जानकारी चाहिए, तो रक्षा मंत्री से समय लेकर मिलें और मामला समझ लें
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों की मीटिंग बुलाई
इससे पहले आज बुधवार सुबह शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार को चीन विवाद सहित अन्य मुद्दों पर घेरने की रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों की मीटिंग बुलाई. बैठक में डीएमके, एसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिवसेना, कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, जेडीयू, मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस, एनसीपी, एमडीएमके, आरएलडी समेत करीब 17 दलों के नेता शामिल हुए.
खबर है कि मीटिंग राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में हुई. बैठक में विपक्षी दलों द्वारा संसद के दोनों सदनों में चीन विवाद पर सरकार को घेरने की स्ट्रैटजी बनाई गयी. बता दें कि विपक्ष सदन में भारत-चीन झड़प पर चर्चा चाहता है.
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मोदी सरकार मूकदर्शक बनकर रह गयी है
इससे पूर्व मंगलवार को सदन में मल्लिकार्जुन खड़गे ने चीन के आक्रमक रवैये को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था. आरोप लगाया था कि सरकार मूकदर्शक बनकर रह गयी है. उसकी तरफ से लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी की जा रही है. खड़गे ने इस बात पर भी जोर दिया था कि चीन ने डेपसांग वाले इलाके में भी घुसपैठ करने की कोशिश की है. हालांकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया था कि चीनी सैनिकों की साजिश को जमीन पर नाकाम कर दिया गया था.
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चीन की हरकत पर रक्षा मंत्री ने कहा
रक्षा मंत्री ने कहा था कि 9 दिसंबर 2022 को चीनी सैनिकों ने अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया. चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया. इस दौरान दोनों पक्ष आमने सामने आ गये. झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आयी. मैं सदन को बताना चाहता हूं कि झड़प में हमारे किसी भी सैनिक की मौत नहीं हुई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ.