Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) आश्रितों की अनुकंपा पर नौकरी की मांग और नगर आयुक्त सह झमाडा एमडी सतेंद्र कुमार की फजीहत के बाद झमाडा कैम्पस में राजनीति गरमा गई है. बुधवार 8 फरवरी को नगर निगम के कर्मी, 20 नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना पर बैठ गए. कर्मी, बिस्किट, चाय और खिचड़ी खा कर दिन भर डटे रहे. नगर आयुक्त ने अपने कार्यालय में बैठकर मौन समर्थन दिया.
नगर आयुक्त के समर्थन में आंदोलन
झमाडा कार्यालय के गेट पास पिछले 352 दिनों से बैठे झमाडा के मृत कर्मियों के आश्रित भी एक दिन पूर्व हंगामे के बाद भी धरना स्थल पर डटे रहे. दिन में दो कांग्रेसी नेता उनके हक की लड़ाई का समर्थन देने भी पहुंचे थे. दोनों ओर से गहमा गहमी जारी है. नगर आयुक्त के समर्थन में कर्मियों के आंदोलन के कारण निगम का कामकाज पूरी तरह ठप रहा. शहर की सफाई व्यवस्था भी ठप रही. निगम के 750 सफाई कर्मी धरना में शामिल थे. सफाई एजेंसी रैमकी की गाड़ी भी कहीं नहीं दिखी. गली मुहल्लों से लेकर मुख्य सड़कों पर कचरा का अंबार लगा रहा. निगम टैक्स का काम देख रहे श्री पब्लिकेशन का काउंटर भी बंद रहा. हालांकि कार्यालय में सभी पदाधिकारी दिनभर मौजूद थे.
आश्रितों को यूथ कांग्रेस नेताओं का समर्थन
यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अभिजीत राज और मयूर शेखर झा ने बुधवार को झमाडा गेट के पास धरना दे रहे धरणर्थियों से मुलाकात की, उनकी समस्याओं को विस्तार से सुना और उसे जायज बताते हुये समर्थन दिया. धरणर्थियों ने बताया कि उनके पास गंवाने के लिये कुछ नहीं बचा है. एमडी साहब से काम मांगने पहुंचे थे. उनके साथ कोई बदसलूकी नहीं की है. सिर्फ बात करने की कोशिश की थी, जिसमें उनके ही कुछ लोगों ने हमारी पिटाई कर दी. इसके बाद भी वे हमें जले भेजना चाहते हैं तो भेज दे. हम कमजोर लोग और कर भी क्या सकते हैं.
झमाडा के आश्रितों का जारी रहेगा धरना
धरना का नेतृत्व कर रहे मेहराबुल अंसारी ने बताया कि उनलोगों ने कोई गलत कदम नहीं उठाया है. धरना जारी रहेगा. कल उन्हें हटाने की कोशिश की गई थी, लेकिन निगम के कर्मी असफल रहे. 22 फरवरी को फिर पुरजोर तरीके से एमडी के समक्ष अपनी मांग रखेंगे. इसके बाद भी न्याय नहीं मिला तो 28 को झमाडा कैम्पस में सामूहिक आत्मदाह करेंगे.
स्वागत में जुटे रहे निगम के ठेकेदार
नगर निगम के ठेकेदारों का समर्पण बुधवार को दिखा. धरने पर बैठे निगम कर्मियों के लिये खाने पीने की व्यवस्था में दिन भर जुटे रहे. कुछ ठकेदार तो ये भी कहते मिले कि जेकरा से नोकरी चाही, ओकरे से लड़ ब लोग त नोकरी मिली, अब ले ल लोग नोकरी, कुछ ना होई जेल जइब लोग.
सफाई कर्मी दिखे धरना से अनभिज्ञ
झमाडा कैम्पस में धरने पर बैठे निगम कर्मी और सफाई कर्मी निश्चिंत होकर टाइम बिताते मिले. उन्होंने बताया कि धरना क्यों चल रहा, हमें नहीं पता, हमलोग तो सुपरवाइजर के कहने पर यहां बैठे हैं. सफाई कराने लोग नहीं ले गया, यहीं पर सुबह से बैठाया है और खाना खिला रहा है.
झमाडा कर्मियों के आश्रितों पर लगा है ये आरोप
नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी मो अनीस ने एक दिन पूर्व, झमाडा कर्मियों के 20 आश्रितों के खिलाफ सदर थाना में शिकायत की है. जिसमें सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, अफसर और कर्मियों के साथ मारपीट करने, अशांति फैलाने का आरोप है, खबर लिखे जाने तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी.