Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) शहरी जलापूर्ति योजना फेज टू को लेकर 14 सितम्बर, बुधवार को डीसी संदीप सिंह ने नगर निगम व् विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. उपायुक्त ने परियोजना के काम पर असंतोष जताते हुए कहा कि दो साल से अधिक समय बीत गया है. बावजूद परियोजना का काम मात्र 67 प्रतिशत हुआ है. यह स्थिति विभिन्न सरकारी संगठनों से एनओसी नहीं मिलने के कारण पैदा हुई है.
उन्होंने डीवीसी, स्टेट हाईवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड, आरसीडी, एनएचएआई, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड, एफसीआई, रेलवे एवं वन विभाग से लंबित एनओसी यथाशीघ्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. नगर आयुक्त सतेंद्र कुमार को इस परियोजना का नोडल पदाधिकारी बनाया गया.
बैठक में झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार, डीएफओ विमल लकड़ा, अपर समाहर्ता नंदकिशोर गुप्ता, अनुमंडल पदाधिकारी प्रेम कुमार तिवारी, डीटीओ राजेश कुमार सिंह, कार्यपालक दंडाधिकारी अमर प्रसाद, ट्रैफिक डीएसपी राजेश यादव, एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सपन मल्लिक, बरवाअड्डा एक्सप्रेस वे के मलय दत्ता, टीम लीडर वीपी जायसवाल, जुडको के प्रोजेक्ट मैनेजर राधा कांत, अभियंता राजकुमार सहित रेलवे, एफसीआई, बीसीसीएल, डीवीसी व अन्य संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे.
परियोजना के इन कार्यों की हुई समीक्षा
मैथन में बनने वाले इंटक वेल, मैथन से भेलाटांड़ वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट तक रो वॉटर राइजिंग मेन पाइप लाइन, भेलाटांड़ से ढांगी तक क्लियर वॉटर राइजिंग मेन पाइप लाइन सहित अन्य परियोजना की समीक्षा की गई.
2020 में शुरू हुई थी जलापूर्ति योजना फेज टू
धनबाद की शहरी आबादी को अभी मुश्किल से एक वक्त पाइप लाइन से पानी मिल रहा है. इस स्थिति में सुधार के लिये जून 2020 में शहरी जलापूर्ति योजना फेज टू शुरू की गई थी. 441 करोड़ रुपये का काम नगर निगम ने एल एंड टी कंपनी को दिया है. सभी 55 वार्डो में एक हजार करोड़ रुपये की योजनाएं चल रही हैं. कोरोना काल में योजना का काम धीमा रहा. अब एनओसी के पेच में योजना उलझ कर रह गई है.
केंद्र सरकार के आदेश पर रेस हुए अधिकारी
केंद्र सरकार ने 2024 तक शहरी क्षेत्र में प्रत्येक घर में पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इस मामले पर पिछले दिनों दिल्ली में बैठक हुई थी. बैठक में धनबाद के नगर आयुक्त भी शामिल हुए थे. बैठक में जलापूर्ति योजनाओं के साथ जल सर्वेक्षण पर चर्चा हुई. सभी अधिकारियों को काम में तेजी लाने का भी निर्देश दिया गया. इसी के बाद जिले के आला अधिकारी रेस हुए हैं.
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