सभी नौकरी व पैसे की हिस्सेदारी में लगे
Nirsa : बीसीसीएल एरिया 12 की दहीबाड़ी कोल वाशरी में कार्यरत राजेंद्र सिंह की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई. बुधवार को ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बीसीसीएल के सेंट्रल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां रात में उनकी मौत हो गई. परिजनों व यूनियन नेताओं ने आश्रित को नियोजन देने की मांग को लेकर गुरुवार को कोल वाशरी के दो नंबर गेट के समक्ष शव रखकर प्रदर्शन किया. देर शाम तक यूनियन व प्रबंधन के बीच वार्ता जारी थी. प्रबंधन एक आश्रित को नियोजन देने को तैयार है, लेकिन मृतक के तीनों पुत्र नौकरी को लेकर आपस मे ही उलझ गए हैं.
शव के पास कोई रोने वाला नहीं
राजेंद्र सिंह के तीन पुत्रों में नौकरी कौन लेगा इस बात को लेकर तीनों में विवाद शुरू हो गया है. दुर्भाग्य इस वक्त उनके शव के सामने रोने वाला कोई नहीं है. क्योंकि सभी बेटे नौकरी व पैसे की दावेदारी और हिस्सेदारी में लगे हुए हैं. शव वाशरी गेट पर एंबुलेंस में ही रखा हुआ था.
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