5 साल के लिए नीलामी, कागजी प्रक्रिया के बाद होगा उठाव
नए साल से लोगों को मिलेगा सस्ता बालू
Dhanbad : दो बार रद्द होने के बाद आखिरकार धबनाद जिले के 9 बड़े बालू घाटों का टेंडर फाइनल हो गया है. इन बालू घाटों की नीलामी नहीं होने से राज्य सरकार को प्रति महीने करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था. जेएसएमडीसी (झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) की ओर से तैयार मॉडल टेंडर डॉक्यूमेंट के अनुरूप बालू घाटों की नीलामी हुई है. जिला खनन पदाधिकारी मिहिर सलकर ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई हैं. टेंडर प्रक्रिया में शामिल कंपनियों को अब जेएसएमडीसी द्वारा फाइनल किया जाएगा. जेएसएमडीसी के साथ एग्रीमेंट एवं बाकी कागजी प्रक्रिया पूरी होने में करीब एक महीने का समय लग जायेगा. उन्होंने बताया कि नए वर्ष की शुरुआत के साथ ही नदी घाटों से बालू का उठाव शुरू हो जाएगा. मालूम हो कि 16 छोटे घाटों को पहले ही नीलामी हो चुकी है.
दो बार रद्द हुआ था टेंडर
पिछले दो बार निकले टेंडर में कंपनियों ने मिलकर एक ही रेट तय किया था, जो काफी कम था. पहली बार सभी ने 13 रुपये 90 पैसे का रेट दिया था. मिलीभगत व षड्यंत्र की आशंका में टेंडर को रद्द कर दिया गया.दूसरी बार निकाले गए टेंडर को भी भी गड़बड़ी की आशंका होने पर रद्द कर तीसरी बार टेंडर निकाला गया. खनन पदाधिकारी ने बताया कि इस बार 42.52 एवं 31 रुपये का रेट डाला गया है.
इन घाटों की हुई नीलामी, कालाबाजारी से मिलेगी निजात
धनबाद के 9 बड़े बालू घाटों की नीलामी होने से जिले को बालू संकट से निजात मिलेगी. वर्षों से धनबाद के लोग महंगा बालू खरीद रहे हैं. घाटों की नीलामी से अब बालू की कीमत कम होगी. मालूम हो कि बालू संकट के कारण निर्माण लागत बढ़ गई है. इससे रियल एस्टेट व सरकारी योजनाएं तक प्रभावित हैं. आम आदमी तो सबसे ज्यादा प्रभावित है जिन बालू घाटों की नीलामी दुबारा होगी, उनमें जहाजटांड़ व भौंरा (झरिया प्रखंड), सिंगरा, नगदा, तेलमच्चो, लोहपट्टी (बाघमारा प्रखंड), जाजलपुर, हरिहरपुर (तोपचांची) व एग्यारकुंड प्रखंड का डुमरकुंडा बालू घाट शामिल हैं.
यह भी पढ़ें : धनबाद : डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ अजय पटवारी मुंबई में सम्मानित