Satish goswami
Topchachi : तोपचांची (Topchachi) रेल नगरी गोमो में 5 करोड की लागत से अस्पताल का निर्माण कार्य 2013 में पूरा हुआ. परंतु अस्पताल में इलाज की व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. अस्पताल में कोई एमबीबीएस चिकित्सक तक नहीं है. सप्ताह में एक दिन होम्योपैथ के एक डॉक्टर आते हैं, जो मरीजों को कुछ सलाह देकर वापस चले जाते हैं. दो नर्स और पारा मेडिकल कर्मचारियों के सहयोग से कोविड वैक्सीनेशन का काम चलता है. चिकित्सक से ऑनलाइन दवा या फिर दवा की पुर्जी मरीजों को थमा दी जाती है.
अस्पताल में मामूली बुखार का इलाज भी संभव नहीं
आसपास के ग्रामीण क्षेत्र की एक बड़ी आबादी मामूली बुखार का इलाज भी इस अस्पताल में नहीं करा सकती. गोमो जीतपुर रोड पर पुराने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आज से दस वर्ष पूर्व यूपीए सरकार के कार्यकाल में राज्य के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने 30 बेड से सुसज्जित अस्पताल निर्माण के लिए आधारशिला रखी. पांच करोड़ रुपये की लागत से अस्पताल का भव्य भवन बनकर तैयार हो गया. चिकित्सक एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय भवन भी बनाये गये हैं.
इलाज के लिए भटकते रहते हैं गांवों के मरीज
इतना सब कुछ के बाद सरकार अस्पताल में चिकिसीय व्यवस्था भूल गई. विगत दस साल से इस अस्पताल में मामूली फोड़ा फुंसी का इलाज भी संभव नहीं हो पाया. न तो चिकित्सक की नियुक्ति हुई और न ही कंपाउंडर व नर्स की बहाली हुई. पांच करोड़ की लागत से निर्मित यह अस्पताल शान से खड़ा अपने रहनुमाओं का इंतजार कर रहा है. धनबाद व बोकारो जिला के सीमावर्ती इस बडे भू भाग में चिकित्सीय व्यवस्था नहीं होने के कारण ग्रामीण इलाज के लिए भटकते रहते हैं. यहां के जनप्रतिनिधि इस मूलभूत सुविधा पर कभी चर्चा भी नहीं करते.
दो पंचायत मुखिया ने लिखा सरकार को पत्र
हाल ही पंचायत चुनाव के बाद जीतपुर के मुखिया जाबिर अंसारी, हरिहरपुर ग्राम पंचायत मुखिया प्रतिनिधि कपिल सिंह ने अस्पताल का मुआयना कर राज्य सरकार को पत्र लिख कर अस्पताल में चिकित्सक सहित इलाज की सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि जन प्रतिनिधि अपनी वाह वाही वाले काम में मशगूल रह्ते हैं. जरूरी चीजों पर कभी चर्चा तक नहीं करते. सम्पन्न लोग तो निजी अस्पतालों में इलाज करा लेते हैं, मगर गरीबों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को भी खटकता है अभाव
गोमो जीतपुर अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था नहीं होने के संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तोपचांची के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अजय कुमार सिन्हा का कहना है कि चिकित्सक का अभाव है. स्कूली बच्चों के इलाज के लिए आयुष के डाक्टर विनिता राय पदस्थापित हैं. कहा कि उन्होंने इसी माह 2 सितंबर को योगदान दिया है. स्वस्थ्य केंद्रों का विजिट नहीं किया है. चिकित्सक के अभाव में अस्पताल में इलाज नहीं हो पा रहा है. मेरा प्रयास होगा कि मरीजों को इलाज मिले.
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