Dhanbad: धनबाद (Dhanbad) पीके रॉय मेमोरियल कॉलेज धनबाद में स्नातकोत्तर हिंदी विभाग की ओर से 22 जून बुधवार को ‘साहित्य वर्तमान और भविष्य’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि लक्ष्मी प्रसाद खेतान महाविद्यालय, बाराहाट, बांका के पूर्व प्राचार्य डॉ अविचल भारती थे. स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ भगवान पाठक, डॉ.मुकुंद रविदास, डॉ रीता सिंह, डॉ मृत्युंजय कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि को अंग वस्त्र व पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत किया.
साहित्य देश, काल, परिस्थिति का दर्पण
मुख्य अतिथि डॉ अविचल भारती ने कहा कि साहित्य देश, काल, परिस्थिति को प्रभावित करता है. इसलिए आने वाली पीढ़ी को इसका महत्व समझना होगा. एक विवेकशील सृजनकार ही सही मूल्यांकन कर सकता है. विभागाध्यक्ष डॉ. भगवान पाठक ने कहा कि साहित्य संस्कृति का वाहक है और संस्कृति सुसभ्य समाज के निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाती है. साहित्य समाज का दर्पण ही नहीं बल्कि दीपक है. डॉ मुकुंद रविदास ने कहा कि समाज यदि शरीर है तो साहित्य उसकी आत्मा. कल किसने देखा है, आज जो कर्म है, चिंतन में है, बस वही कल के लिए बड़ी बात है. डॉ .रीता सिंह ने कहा कि मूल्यों के अवमूल्यन के इस दौर में साहित्य आज भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
डॉ मृत्युंजय कुमार सिंह ने सुसंस्कृत समाज के निर्माण में साहित्य की भूमिका पर प्रकाश डाला. धन्यवाद ज्ञापन डॉ रीता सिंह व संचालन डॉ मुकुंद रविदास ने किया. कार्यक्रम में रिसर्च स्कॉलर सोनी कुमारी, पांडव महतो, रीना कुमारी, रूपमणि, कविता, बबिता, जुली,मिता नाहक, सुमन, पंचमी, नीलम, प्रमिला,सपना, सोनिया हेम्ब्रम सहित द्वितीय सेमेस्टर की छात्र-छात्राएं मौजूद थे.
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