Nirsa : निरसा (Nirsa) निरसा पांड्रा मोड़ स्थित भाजपा पार्टी कार्यालय में सोमवार 3 अक्टूबर को विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने 5 अक्टूबर को शहीद सुशांतो सेनगुप्ता के शहादत स्थल रामकनाली चलने का आह्वान किया. प्रेस वार्ता में विधायक ने कहा कि आम जनों के आग्रह पर वर्ष 1999 में सुशांतो सेन गुप्ता ने पहली बार चुनाव लड़ा तथा आम जनता के अपार स्नेह से वह पहली बार में ही 121 मतों से मासस के स्वर्गीय गुरदास चटर्जी को पराजित कर दिया था. परंतु बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव के इशारे पर प्रशासनिक लोगों ने उन्हें पराजित करा दिया.
गुरदास चटर्जी की हत्या के बाद उपचुनाव में मासस के प्रत्याशी अरूप चटर्जी सहानुभूति लहर पर सवार होकर चुनाव जीतने में तो कामयाब हो गये, परंतु सुशांतो सेनगुप्ता की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई और वह दूसरे स्थान पर रहे. बावजूद उन्होंने आमजनों की लड़ाई नहीं छोड़ी तथा निरसा की प्यासी जनता के लिए जल दो या जेल 2 का ऐतिहासिक आंदोलन किया. इसके बाद विरोधियों ने माना कि जब तक सुशांतो सेनगुप्ता को रास्ते से नहीं हटाया जाएगा, तब तक उनकी राजनीति नहीं चलेगी. पहले पंचेत में उन पर जानलेवा हमला हुआ, बावजूद वह आम जनों की सेवा में लगे रहे. 5 अक्टूबर 2002 को धनबाद न्यायालय से वापस घर लौट रहे थे, तभी रामकनाली के समीप एके-47 से उनकी व छोटे भाई संजय सेनगुप्ता एवं पार्टी कार्यकर्ता डीडी पाल की हत्या कर दी गई. हत्यारों ने सोचा था कि सुशांतो को रास्ते से हटा देने रास्ता साफ हो गया, तो वह उनकी भूल थी.
श्रीमती सेनगुप्ता ने पूर्व विधायक अरुप चटर्जी की ओर इशारा करते हुए कहा कि निरसा की जनता 19 के चुनाव में सबक सिखा चुकी है. अब 24 के चुनाव में श्री चटर्जी को निरसा से भागकर दी दम लेगी. मौके चिरकुंडा नगर अध्यक्ष डब्ल्यू बाउरी, उपाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह भी मौजूद थे.
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