Sanni Sharma
Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) झरिया की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक राजा तालाब की सुंदरता अब देखते ही बनती है. तालाब के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण का काम लगभग एक तिहाई पूरा हो चुका है. धनबाद नगर निगम शेष काम भी जल्द ही पूरा कर लेगा. वर्ष 2021 में नगर निगम द्वारा 14 वें वित्त आयोग के मद से 1 करोड़ 99 लाख की राशि आवंटित की जा चुकी है. तालाब के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण का नतीजा रहा कि इस बार छठ महापर्व पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं व छठव्रतियों ने यहां आस्था की डुबकी लगाकर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया.
जलकुंभी के मकड़जाल में फंसा रानी तालाब
परंतु जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण में झरिया शहर की एक और ऐतिहासिक धरोहर को सभी ने अनदेखा कर दिया. राजा तालाब के समीप ही कुछ दूरी पर रानी तालाब अतिक्रमणकारियों व जलकुंभी के मकड़जाल में फंस कर पूरी तरह विलुप्त हो चुका है. प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का नतीजा है कि ‘रानी’ का अस्तित्व ही खत्म होने के कगार पर है. रही सही कसर अतिक्रमणकारियों ने पूरी कर दी है, जिन्होंने यहां आशियाना बना रखा है. एक वक्त था, जब रानी तालाब की खूबसूरती लोगों को आकर्षित करती थी. समय गुजरता गया और दबंगों ने तालाब पर अतिक्रमण शुरू कर दिया. अब रानी तालाब सिमटकर छोटा हो गया है.
राजपरिवार की बहू माधवी सिंह ने जताई चिंता
रानी तालाब की दुर्दशा से चिंतित झरिया राजपरिवार की पुत्रवधू माधवी सिंह कहती हैं कि राजा तालाब हमेशा से कमाई का जरिया रहा है. धनबाद नगर निगम व जनप्रतिनिधि सिर्फ टेंडर के जरिए अपनी जेब गरम कर रहे हैं. झरिया के राजा ने रानी तालाब का निर्माण कराकर प्रजा को समर्पित किया. जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि झरिया की इस बहुमूल्य संपत्ति को सुरक्षित रखे.
मामले की जानकारी नहीं थी: अंचलाधिकारी
झरिया अंचलाधिकारी प्रमेश कुशवाहा ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी. जांच कराई जाएगी. सरकारी संपत्ति या किसी जगह पर अवैध अतिक्रमण होने नहीं दिया जा सकता है.
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