DHANBAD : केंद्र सरकार 44 श्रम कानूनों को रद्द करते हुए चार लेबर कोर्ड लागू कर रही है, जिसके विरोध में मेडिकल रिप्रजेंटेटिव बुधवार 19 जनवरी को हड़ताल पर चले गए हैं. कहा गया कि कानून लागू होने पर सेल्स प्रमोशन इम्प्लाइज एक्ट पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. यह लड़ाई आम जनता के लिए भी है. दवा अत्यंत जरूरत की चीज है, जिसका गरीब-अमीर सभी इस्तेमाल करते हैं. यह जीवन रक्षक भी है, उस पर सरकार टैक्स के जरिये मुनाफाखोरी कर रही है. 2016 से पहले 5 फीसदी दवा पर टैक्स लगता था,जो अब बढ़कर 12 फीसदी हो गया है. सरकार लोगों को रिलीफ देने की जगह उनका शोषण कर रही है. मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव कर्मचारी यूनियन के उपाध्यक्ष प्रभात कुमार सिंह और सदस्य संदीप बाइक ने कहा कि पूरे राज्य में 3 लाख और धनबाद के 600 मेडिकल केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट हड़ताल पर हैं. उनकी मांग है कि 44 श्रम कानून और और लेबर कोड वापस लिया जाए.
उन्होंने कहा कि प्राइवेट कंपनियां कर्मचारियों को 24 घंटे 365 दिन ट्रेकिंग कर रही है, जो पूरी गैर कानूनी है. ट्रैकिंग या निगरानी करना सरकार का काम है, वह भी देश हित में. प्राइवेट कंपनियां कानून का उल्लंघन करते हुए जीपीएस के जरिए कर्मचारियों पर 24 घंटे निगरानी रखने का काम कर रही हैं. दवा कानून की धारा सेक्शन ए का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है. धनबाद और झारखंड केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन भी इसके विरोध में खड़ा है और वह भी हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं.
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