Dhanbad : चांद के दीदार के साथ ही मुसलमानों का पवित्र रमजान का महीना शुरू हो गया है. शुक्रवार 24 मार्च को पहला रोजा है. रोजा रखने वाले पांच वक्त की नमाज भी अदा करेंगे. शहर के मुस्लिम बहुल वासेपुर, आजाद नगर सहित अन्य इलाकों में 23 मार्च की शाम से चहल-पहल बढ़ गई. शहर में रमजान में उपयोग आने वाली वस्तुओं के बाजार सज गए हैं. लोगों ने खरीदारी भी शुरू कर दी है.
नेकियों का महीना है रमजान
इस्लामी कैलेंडर के अनुसार नौवें महीने में रमजान मनाया जाता है. इसे मौसम-ए-बहार या नेकियों का महीना भी कहा जाता है. इस महीने रोजेदार सूर्योदय से पहले सेहरी खाते हैं और पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं. शाम में सूरज ढलने के बाद मगरिब की आजान के साथ ही रोजा खोला जाता है, जिसे इफ्तार कहते हैं. इस दौरान सभी मुसलमान भाइयों एक साथ मिलकर रोजा तोड़ने के लिए भोजन करते हैं.
यह भी पढ़ें : धनबाद : जयराम महतो की गिरफ्तारी के खिलाफ ग्रामीणों ने फूंका सीएम का पुतला
प्रेम, करुणा व भाईचारे का संदेश देता है पवित्र माह
इमाम बरारी मस्जिद के हाफिज मोहम्मद मुख्तार आलम ने बताया कि शरीफ की दुनिया में रमजान कुरआन नाजिल होने का महीना है. यह महीना सिर्फ इस्लाम धर्म मानने वालों को ही नहीं, ब्लकि समूची मानव जाति को प्रेम, करुणा व भाईचारे का संदेश देता है. नफरत व हिंसा से भरे इस दौर में रमजान का संदेश ज्यादा प्रासंगिक है. मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के मुताबिक रोजा बंदों को जब्ते नफ्स या आत्मनियंत्रण की सीख देता है. उनमें परहेजगारी या आत्मसंयम भी पैदा करता है. आम तौर पर हमारा जीवन भूख-प्यास मिटाने वाली जरूरतों के ईदगिर्द ही घूमता रहता है. लेकिन रमजान का महीना दुनिया की हर इच्छा पर नियंत्रण रखने की साधना है. जिस रूह को हम साल भर भुलाए रहते हैं, माहे रमजार उसी को पहचानने और जागृत करने का आयोजन है.
यह भी पढ़ें : धनबाद : असत्य के सामने नहीं झुकेगी कांग्रेस- ब्रजेंद्र सिंह