Dhanbad: कड़ाके की ठंड और कोरोना संक्रमण से तो लोग परेशान थे ही, अब मच्छरों के आतंक ने भी जीना मुहाल कर दिया है. शाम ढलते ही घरों में मच्छर बोरिया-बिस्तर लेकर आ धमकते हैं. बिन बुलाये इस मेहमान के कारण घर नरक जैसा दिखने लगता है. मच्छर अगरबत्ती, मॉस्किटो लिक्विड भी उन्हें रोकने में विफल हो रहे हैं. इधर स्वच्छता का ढोल पीटनेवाले नगर निगम के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. जनप्रतिनिधियों की अपील ‘दूर का ढोल सुहाना’ बन कर रह गई है. किसी पर कोई असर नहीं. मुख्य सड़कों को छोड़कर गली-मुहल्लों में नाली की सफाई भी नियमित रूप से नहीं होती है. ब्लीचिंग पाउडर और फॉगिंग मशीन भी गायब है. फागिंग के अभाव में मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया पर फैलाये घूम रहा है. पता नहीं कब किसको ग्रस ले.
नगर निगम में क्या है व्यवस्था
मच्छर भगाने के लिये छह साल पहले नगर निगम ने जर्मन कंपनी की दो बड़ी फॉगिंग मशीन, 15 मोपेट पर संचालित होने वाली मशीन, 110 हेंड फॉगिंग मशीन की खरीद की थी. शुरू में कुछ दिनों तक सब कुछ गुड फील कराता रहा. मशीन चली, तो लोग-बाग भी खुश नजर आए. फिर अचानक सब कुछ बंद हो गया और मशीनों को बैंक मोड़ स्थित निगम कार्यालय में खुले में सड़ने के लिये छोड़ दिया गया.
बदले-बदले नजर आते हैं अधिकारी
फॉगिंग को लेकर निगम के अधिकारी और उनके बयान बदलते रहे हैं. पहले फॉगिंग के नाम पर घपले घोटाले की बात कही गई. उसके बाद मशीन की गड़बड़ी, तो फिर लिक्विड की कमी का रोना रोया गया. डीजल खर्च अधिक होने की बात भी कही जाती रही है. अब अधिकारी कहते हैं कि फॉगिंग का काम बंद हुआ ही नहीं है. यह काम वार्ड सुपरवाइजरों को दिया गया है. जरूरत के हिसाब से वार्डो में फॉगिंग कराई जा रही है.
सिर्फ आला अधिकारियों के बंगले पर नजर
निगम की एक सच्चाई यह भी है कि अब फॉगिंग का ज्यादातर इस्तेमाल जिला प्रशासन और निगम के आला अधिकारियों के बंगले में किया जा रहा है. सप्ताह में दो दिन उनके बंगलों में धुआं गाड़ी दिख जाती है. इसके अलावा निगम के अधिकारी, जनप्रतिनिधियों के आवास में भी मच्छर भगाने का काम हो जाता है. शहर के अन्य इलाकों में तो गाड़ी दिखती ही नहीं. निगम नालियों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव सिर्फ छठ पूजा में करता है.
शोभा बढ़ा रहे 20 हजार लीटर सैनेटाइजर
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में निगम ने सड़क, बाजार सहित हर गली-मुहल्लों को सैनेटाइज करने का काम किया था. साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान था. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर में ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है. निगम के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास 20 हजार लीटर सैनेटाइजर लिक्विड है. लेकिन अभी सिर्फ कंटेन्मेंट जोन को सैनेटाइज किया जा रहा. सच्चाई यह है कि निगम के कर्मी कंटेन्मेंट जोन में सिर्फ पोस्टर चिपका रहे हैं. भूली निवासी अमर कुमार ने बताया कि उनके इलाके में एक आदमी कोरोना पॉजिटिव था, निगम के कर्मी आये और पोस्टर चिपका कर चले गए. घर को सैनेटाइज तो किया ही नहीं. कई अन्य कंटेन्मेंट जोन की भी लगभग यही कहानी है.
फॉगिंग तो कराई जा रही है : मो अनीस
धनबाद नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी मो अनीस कहते हैं कि सफाई का काम नियमित रूप से हो रहा है. जरूरत के हिसाब से फॉगिंग कराई जाती है. सैनेटाइजर भी पर्याप्त है. कुछ जगहों पर त्रुटि हो सकती है. लेकिन कंटेन्मेंट जोन में सैनेटाइजर का काम हो रहा है.
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