Mithilesh Kumar
Dhanbad: स्वच्छ भारत अभियान के तहत पांच साल पूर्व शहरी क्षेत्र में बनाये गए मॉड्यूलर टॉयलेट बर्बादी की भेंट चढ़ चुके हैं. ज्यादातर मॉड्यूलर टॉयलट से लाइट, बेसीन, पानी का पाइप, पानी की टँकी चोरी हो चुकी है. अब तो दरवाजे भी गायब होने लगे हैं. इतना ही नहीं लोहे की सीट से बने टॉयलट में जंग भी लग चुका. टॉयलेट के अंदर इतनी गंदगी भर चुकी है कि अब जानवर भी अंदर जाने से कतराने लगे हैं. कुछ और दिन यही हाल रहा तो सभी टॉयलेट कबाड़ की दुकान नजर आएंगे.
2018 में ओडीएफ के नाम पर हुआ था निर्माण
2018 में शहर को ओडीएफ [खुले में शौच मुक्त] करने के लिए नगर निगम के तत्कालीन अपर नगर आयुक्त प्रदीप कुमार प्रसाद ने 72 टू और फाेर सीटर माॅड्यूलर टाॅयलेट का निर्माण कराया था. एक टू सीटर पर 2 लाख तथा चार सीटर पर 4 लाख रुपया खर्च किया गया था. बिजली, पानी की टँकी, पाइप और कनेक्शन पर अलग से खर्च हुआ था. लगभग तीन करोड़ व्यय हुए थे. 72 माॅड्यूलर में 32 टाॅयलेट ही पूरी तरह चालू हाे पाया था. शेष का निर्माण कर यूं ही छाेड़ दिया गया था. इन शौचालयों में पानी टंकी ताे लगाई गई, लेकिन कनेक्शन नहीं लगाया गया था. जिसके कारण आज तक ये चालू ही नहीं हो पाए. इसके कुछ महीने बाद धनबाद शहर को ढोल-नगाड़े बजाकर ओडीएफ घोषित किया गया. निगम के अधिकारियों ने खूब वाहवाही लूटी थी ..
10 माह पहले की घोषणा भी बेकार
निगम के अधिकारियों ने 10 माह पहले यानी 2021 में मॉड्यूलर टॉयलट को सुलभ इंटरनेशनल के हवाले करने की घोषणा की थी. यह भी कहा गया था कि एजेंसी काे मेंटनेंस खर्च दिया जाएगा. सभी शाैचालयाें की जिओ टेगिंग भी की जाएगी, ताकि लाेगाें काे माेबाइल पर ही टाॅयलेट की जानकारी मिल सके. इन शौचालयों का उपयोग बिलकुल निःशुल्क होगा. लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी मॉड्यूलर शौचालयों की स्थिति यथावत है.
मॉड्यूलर टॉयलेट पर हमलोगों का ध्यान है. सुलभ इंटरनेशनल ने 27 मई को ही दो मॉड्यूलर टॉयलेट की सूची दी है. जिसकी देख-रेख वह करेगा. अन्य शौचालयों को चिन्हित कर सूची देने की बात कही गई है. इन शौचालयों पर आने वाला खर्च निगम वहन करेगा-मो. अनीस, कार्यपालक पदाधिकारी
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