Dhanbad: गणतंत्र दिवस से राज्य में शुरू होने वाली पेट्रोल सब्सिडी योजना को लेकर लाभुक असमंजस में हैं. जिले के 4 लाख 34 हजार 578 राशन कार्डधारियों में से शनिवार 22 जनवरी तक सिर्फ 2 हजार 840 लाभुकों ने ही पेट्रोल सब्सिडी के लिये ऑनलाइन आवेदन दिया है. उनमें से 1 हजार 268 के आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं. ज्यादातर लोगों में भ्रम है कि पेट्रोल के बहाने सरकार राशन कार्ड जब्त करने की फ़िराक में है. इस वजह से भी लोग आवेदन करने से बच रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को तो ऑनलाइन की प्रक्रिया ही समझ में नहीं आ रही है.
हर माह 250 रुपये का होगा फायदा
जिले के कुल लाभुकों में लाल कार्ड धारियों की संख्या 3 लाख 59 हज़ार 640 है, जबकि पीला कार्ड धारी 32, 941 हैं. इसी तरह हरा कार्ड धारी 41,997 हैं. हर माह राज्य सरकार इन्हीं लाभुकों को 10 लीटर पेट्रोल की खरीद पर 250 रुपये की सब्सिडी देनेवाली है. यह राशि लाभुक के बैंक खाते में डीबीटी के जरिए भेजी जाएगी. इस छोटी सी रकम के लिए लोग ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे भी लोग हैं, जिनके पास बाइक तो है, लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस ही नहीं है.
क्या है लोगों की परेशानी
ढोकरा के भीम महतो का कहना है कि पेट्रोल की सब्सिडी तो बाद में मिलेगी, लेकिन इससे पहले 10 हजार से ज्यादा खर्च हो जाएगा. गाड़ी खराब पड़ी है, लाइसेंस भी नहीं है. ऑनलाइन फार्म भरने में भी पैसा अलग से लगेगा. दिहाड़ी का काम करते हैं. इतना पैसा कहां से लाएंगे. चिरागोड़ा के मदन प्रसाद ने बताया कि हर बार की तरह सरकार का पैसा संपन्न लोग ही ले जाएंगे. गरीब के पास बाइक कहां है. दीपक रजक ने बताया कि वह ठेले पर दिन भर सब्जी बेचते हैं. दो बार राशन कार्ड के लिये अप्लाई किया, आज तक नहीं बना. पेट्रोल का पैसा कहां मिलने वाला है.
क्या कहना है जानकारों का
जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि योग्य लाभुक को डरने की जरूरत नहीं है. तीन रूम का पक्का मकान, बाइक रहने पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होगी. सरकार की गाइड लाइन में भी लिखा है. वे बेहिचक आवेदन कर सकते हैं. पेट्रोल सब्सिडी के लिये विपत्र की मांग नहीं की जाएगी. लाभुक इस पैसे का उपयोग पेट्रोल खरीदने में करें अथवा नहीं, सरकार कोई जांच नहीं कराएगी. सरकार ने इसके लिए 1000 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव किया है. जिले में अभी तक कुल 5 लाख 72 हज़ार 544 बाइक रजिस्टर्ड हैं. अब इसमें कितने लाल कार्ड, पीला कार्ड या हरा कार्ड धारी हैं, इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. सभी का आवेदन आने के बाद ही स्थिति का पता चल पाएगा.
सब कुछ ठीक हो जाएगा : डीएसओ
जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी भोगेन्द्र ठाकुर ने कहा कि अभी आवेदन की संख्या कम है. धीरे धीरे इसमें बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. प्रशासन सक्रियता से लगा हुआ है और सब कुछ तय समय पर कर लिया जाएगा.
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