एसएनएमएमसीएच में दवाओं का टोटा, पारासिटामोल से लेकर एंटीबायोटिक तक नहीं
Dhanbad : गुलाबी ठंड की शुरूआत हो चुकी है. दोपहर में गुनगुनी धूप व सुबह-शाम हल्की ठंड महसूस हो रही है. बदलते मौसम में वायरल संक्रमण पांव पसारने लगा है. अस्पतालों में संक्रमित मरीजों की संख्या आम दिनों के तुलना में बढ़ गई है. लोग सर्दी, खांसी, बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. एसएनएमएमसीएच और सदर अस्पताल के मेडिसिन विभाग में मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है.एसएनएमएमसीएच के मेडिसिन विभाग में हर दिन 350 और सदर अस्पताल में करीब 150 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक वायरल फीवर की चपेट में हैं.
एसएनएमएमसीएच मेडिसिन विभाग के एचओडी यूके ओझा ने बताया कि मरीजों में सबसे ज्यादा सर्दी-खांसी, बुखार, छींक आने की समस्या हो रही है.
मरीज बाहर से महंगी दवा खरीदने को मजबूर
एसएनएमएमसीएच के मेडिसिन काउंटर पर 52 में से 25 तरह की दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. वायरल संक्रमण से बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं. पेडियाट्रिक विभाग में इलाज के लिए आने वाले बच्चों को दी जाने वाली दवाओं का स्टॉक खत्म है. स्थिति यह है कि पारासिटामोल से लेकर एंटीबायोटिक तक नहीं हैं. परिजनों को दवा बाहर से खरीदनी पड़ रही है. अस्पताल के इनडोर मरीजों को भी काउंटर से दवा नहीं मिल पा रही है.
ठंड से बचें, गर्म पानी व सूप पीएं : डॉ. यूके ओझा
वायरल संक्रमण की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग आ रहे हैं. डॉक्टर बताते हैं कि बच्चे और बुजुर्गों में शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता लगातार बदलती है, अथवा कम रहती है. यही वजह है कि उनमें संक्रमण अधिक हो रहा है. डॉ यूके ओझा ने बताया कि तापमान में अचानक गिरावट होने से संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसे में ठंड से बचने के लिए बेहतर खानपान और गर्म पानी का सेवन करें. घर में गर्म सूप पीयें. शाम ढलते ही बच्चे और बुजुर्ग गर्म कपड़े पहनें, ठंडी चीजें खाने से बचें. सर्दी-बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
दवाओं की खरीद के लिए टेंडर निकाला गया है : अधीक्षक
एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक डॉ.अनिल कुमार ने बताया कि बदलते मौसम में वायरल संक्रमण बढ़ा है. अस्पताल में दवाओं का स्टॉक कम है. दवा की खरीदारी के लिए टेंडर निकाला गया है. जरूरी दवाएं स्थानीय स्तर पर खरीदने का प्रयास किया जा रहा है.
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