एसएसपी ने किया खुलासा : देसी कट्टा, गोली, एक लाख रुपए नकद व रजिस्टर बरामद
Dhanbad : विदेश में बैठे धनबाद के वासेपुर के गैंगस्टर प्रिंस खान को पैसा पहुंचाने वाले उसके करीबियों तक पुलिस पहुंच चुकी है. पुलिस ने एक महिला समेत उसके 10 को गुर्गों को गिरफ्तार किया है. एसएसपी संजीव कुमार ने इसका खुलासा रविवार 18 जून को अपने कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में किया. कहा कि प्रिंस के लिए पैसा वसूली करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर लिया गया है. गिरफ्तार अपराधियों में सद्दाम अंसारी, मो. शाहिद, मो. सद्दाम, खुर्शीद आलम, नरगिश बानो, सराज अंसारी उर्फ छोटू, बाबर अहमद खान, मो. माजिद अंसारी, अमन कुमार व संतोष कुमार गोस्वामी शामिल हैं. सभी बैंकमोड़ व केन्दुआडीह के हैं. उनके पास से पुलिस ने एक देसी कट्टा, 315 बोर की तीन गोली, 303 बोर की एक गोली, एक लाख रुपए नकद, एक रजिस्टर जिसमें रंगदारी के पैसा का विवरण व ट्रांजेक्शन की स्लीप है, बरामद किया है.
पूरा रैकेट है सक्रिय
एसएसपी ने बताया कि रंगदारी के इस खेल में पूरा रैकेट सक्रिय था. 4 लेयर में रंगदारी की वसूली से लेकर पैसे का ट्रांजेक्शन किया जाता था. रंगदारी मांगने के बाद व्यवसायी के यहां किसी किशोर या फेरीवाले को भेज कर पैसे की वसूली की जाती थी. पैसे लाकर दूसरे व्यक्ति को दिया जाता था, जो उसे तीसरे आदमी तक पहुंचाता था. वहां से तय होता था कि रुपए कैसे भेजने हैं. हिरासत में लिए गए लोगों के मोबाइल से पुलिस को लेनदेन के साक्ष्य भी मिले हैं. 300 सीएसपी व बैंकों से पैसा ट्रांजेक्शन करने व लगभग 85 डिफ्रेंट अकाउंट का भी पता चला है. एसएसपी ने बताया कि रैकेट में शामिल सभी सदस्यों को चिह्नित कर लिया गया है, जो बचे हैं उनकी भी गिरफ्तारी जल्द कर ली जाएगी.
ग्राहक सेवा केंद्र व बैंकों के माध्यम से भेजा जाता था पैसा
एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए अपराधियों से पूछताछ में पता चला कि सभी प्रिंस खान के लिए रंगदारी का पैसा वसूलते थे. प्रिंस खान के इशारे पर ये ग्राहक सेवा केंद्र व विभिन्न बैंको के माध्यम से गैंग के सक्रिय सदस्यों को उनके बैंक खाता व यूपीआई के जरिए भेजते थे. उन्होंने कहा कि धनबाद के कुछ सफेदपोश भी प्रिंस खान गैंग के रंगदारी का पैसा अपने कारोबार में लगाए हुए हैं.
गिरफ्तार सद्दाम व महिला हैं किंगपिन
एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार सद्दाम व नरगिश बानो रंगदारी वसूली के रैकेट के किंगपिन हैं. पैसे के लेनदेन का का हिसाब सद्दाम किया करता था, जबकि नरगिश गुर्गों को पैसे देने का काम करती थी.
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