Dhanbad : धनबाद के भूदा में केंद्रीय सरना समिति की ओर से सोमवार, 4 अप्रैल को प्रकृति पर्व सरहुल धूम-धाम से मनाया गया. कार्यक्रम में समाज के लोगों ने पारंपरिक नृत्य-संगीत प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया. समिति के संरक्षक वीरेंद्र हांसदा ने बताया कि सरहुल खुशी के साथ नेम का भी त्योहार है. त्योहार में पहले दिन घर की साफ-सफाई लिपाई-पोताई की जाती है. कुंवारे लड़कों की टोली सरना पूजा स्थल की साफ- सफाई कर जाहेर थान पर साबे घास व सखुए के पत्ते से झावनी की जाती है.
दूसरे दिन बाहा बोंगा अर्थात सरहुल पूजा की जाती है. इसके लिए जोग मांझी घर-घर जाकर प्रसाद के लिए चावल और मुर्गी के चूजे की उगाही करते हैं.गांव के पाहन (पुजारी) पंच ग्रामीण देवी देवता की पूजा करते हैं और ग्रामवासी नाचते-गाते सरना स्थल पहुंचते हैं. सभी अनुष्ठान पाहन व उनके सहयोगी संपन्न कराते हैं. उन्होंने बताया कि तीसरे दिन गांव के युवक व अन्य पुरुष सदस्य जंगल में शिकार के लिए जाते हैं, जबकि महिलाएं जंगल से जानवरों को बाहर निकालने के लिए पूरे जंगल में धूमती हैं. इसके बाद नाचते-गाते वापस गांव लौटती हैं. नव वर्ष के आगाज के साथ पर्व संपन्न होता है.
यह भी पढ़ें : धनबाद : बीआईटी सिंदरी में सरहुल की धूम, झूमकर नाचे विद्यार्थी