Dhanbad: आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह व रूस्तम अंसारी को बुधवार 31 मई को अदालत से राहत नहीं मिली. धनबाद एमपी एमएलए के मुकदमों की सुनवाई के लिए गठित विशेष न्यायिक दंडाधिकारी संतोषनी मुर्मू की अदालत ने मामले के नामजद आरोपी झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह व मासस नेता रुस्तम अंसारी को भादवि की धारा 188 के तहत दोषी पाया. अदालत ने दोनों को दुबारा ऐसा अपराध नहीं करने की हिदायत देते हुए मुक्त करने का आदेश दिया है.
अदालत ने धारा 3 लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के आरोप से उन्हें बरी कर दिया है. संजीव की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद जावेद, जबकि रुस्तम अंसारी की ओर से वरीय अधिवक्ता शाहनवाज ने पैरवी की. स्वास्थ्य खराब रहने के कारण संजीव सिंह को जेल प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में एंबुलेंस से लाया और व्हील चेयर पर बैठाकर अदालत में पेश किया. रुस्तम अंसारी भी हाजिर थे. संजीव फिलवक्त नीरज हत्याकांड में धनबाद जेल में बंद है.
क्या है मामला
विधान सभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के निर्देश पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला जोड़ापोखर थाना कांड संख्या 404/14 भाजपा प्रत्याशी संजीव सिंह, कांग्रेस प्रत्याशी नीरज सिंह व मासस प्रत्याशी रूस्तम अंसारी के विरुद्ध दर्ज कराया गया था. झरिया विधानसभा क्षेत्र में पेट्रोलिंग के दौरान नोडल पदाधिकारी चुरका मुर्मू ने तीनों पार्टियों के झंडे को सार्वजनिक स्थल से जब्त किया था और उसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया था. 30 जून 2015 को कांड के अनुसंधानकर्ता अलोमणि केरकेट्टा ने तीनों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया था. सुनवाई के दौरान अभियोजन ने इस मामले में छह गवाहों का बयान दर्ज कराया था. बतातें हैं कि नीरज सिंह की मौत हो जाने के कारण उनके विरूद्ध कार्यवाही बंद कर दी गई थी.