Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) धनबाद के जियलगोड़ा में सांसद खेल महोत्सव विवादों में फंस गया है. महोतस्व में चैता नृत्य के नाम पर बार बालाओं के डांस को लेकर धनबाद के खेल संगठन भी नाराज हैं. महोत्सव में कई खेलों को शामिल नहीं करने से संगठन के पदाधिकारी पहले से ही नाराज चल रहे थे. बार बालाओं के डांस ने उनके जले पर नमक छिड़कने का काम किया है. संगठनों ने खेल के आयोजन में इस तरह के नृत्य को गलत बताया है. महोत्सव में नेशनल, इंटरनेशनल खिलाड़ियों को भी सम्मानित करने की बात कही गई थी, जो नहीं किया गया.
खेल में इस तरह के अनर्गल नृत्य की कोई जगह नहीं : रंजीत केसरी
धनबाद जिला ओलंपिक संघ के महासचिव रंजीत केसरी ने कहा कि इस तरह के आयोजन से पहले जिले के सभी खेल संघ के पदाधिकारियों से संपर्क कर विचार-विमर्श करना चाहिए था. धनबाद में लगभग 30 से अधिक खेल खेले जाते हैं. लेकिन मात्र 7 से 8 खेल करा देने से ही महोत्सव पूरा नहीं होता है. धनबाद में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं, जिन्हें सम्मान मिलना चाहिए था, जो नहीं मिल सका. उन्होंने कहा कि खेल में इस तरह के अनर्गल नृत्य की कोई जगह नहीं है. इसे सांस्कृतिक नृत्य से जोड़ना सही नहीं है. हमारी संस्कृति ऐसी नहीं है.
खेल में इस तरह का नृत्य नहीं होना चाहिए : सूरज लाल प्रकाश
धनबाद जिला ओलंपिक संघ के महासचिव सूरज लाल प्रकाश ने कहा कि इस तरह के खेल महोत्सव से खिलाड़ियों को उत्साह मिलता है. इसे और ज्यादा जगह में करने की जरूरत थी, जिससे अधिक से अधिक लोगों तक बात पहुंच पाती. इसके अलावा जो भी खिलाड़ी इस खेल महोत्सव में हिस्सा लेते, उन्हें ट्रैक सूट और जूता देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि खेल में इस तरह का नृत्य नहीं होना चाहिए. सांस्कृतिक कार्यक्रम करना चाहिए था. कला सांस्कृतिक मंच से संपर्क कर कला का प्रदर्शन व कलाकारों को भी सम्मानित करना चाहिए था.
चैता नृत्य को भक्ति भावना से देखा जाता है : विनय कुमार
धनबाद जिला क्रिकेट एसोसिएशन के महासचिव विनय कुमार ने कहा कि इस तरह के खेल से खिलाड़ियों को बढ़ावा मिलता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. इस तरह के खेल का आयोजन हर साल होना चाहिए. उन्होंने कहा कि चैता नृत्य से खेल का कोई संबंध नहीं है, क्योंकि खेल के दौरान इसका आयोजन नहीं हुआ था. उन्होंने बताया कि बिहार में चैता नृत्य पारंपरिक नृत्य है. चैता नृत्य को भक्ति भावना से देखा जाता है.
खेलो इंडिया के स्वर्ण पदक विजेता को भी नहीं मिला सम्मान: पप्पू सिंह
धनबाद जिला जूडो संघ के सचिव पप्पू सिंह ने कहा कि खेल महोत्सव के नाम पर खेल हुआ ही नहीं. सिर्फ राजनीति हुई. शहर में जितने भी बैनर पोस्टर लगे, उसमें खिलाड़ी दिखे ही नहीं. प्रधानमंत्री मोदी का खेलो इंडिया महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है. लेकिन इसका राजनीतीकरण किया गया. किसी खिलाड़ी को सम्मानित भी नहीं किया गया. हाल ही में जीती खेलो इंडिया के स्वर्ण पदक विजेता को भी सम्मान नहीं मिला. उन्होंने बताया कि खेल में इस तरह के नृत्य की कोई जगह नहीं है. इसे खेल से जोड़ना गलत है. इस खेल में किसी खेल संगठन से संपर्क नहीं किया गया. संपर्क किया होता तो इस तरह का आयोजन नहीं होता.
इस तरह के नृत्य के आयोजन से खेल को ही नुकसान: सम्राट चौधरी
धनबाद जिला बैडमिंटन संघ के सचिव सम्राट चौधरी ने कहा कि धनबाद खेल महोत्सव में बैडमिंटन को भी शामिल करना चाहिए था. क्योंकि धनबाद में बैडमिंटन के कई नेशनल व इंटरनेशनल खिलाड़ी खेल चुके हैं. इस खेल को शामिल करने से अधिक लोगों को खेल के प्रति प्रोत्साहन मिलता. उन्होंने कहा कि खेल के बाद इस तरह के नृत्य का आयोजन नहीं होना चाहिए. इससे खेल का ही नुकसान होता है.